News India Live, Digital Desk : उत्तर प्रदेश का बहराइच जिला, जो कुछ समय पहले 'आदमखोर भेड़ियों' के खौफ से थोड़ा शांत हुआ था, वहां एक बार फिर डर और चीख-पुकार ने डेरा डाल लिया है। बीती रात जो हुआ, उसने हर किसी को हिला कर रख दिया है। एक मां अपने छोटे से बच्चे को अपनी बगल में सुलाकर बेफिक्र थी, लेकिन उसे क्या पता था कि यही रात उसके लिए काली रात बन जाएगी।झपट्टा मारा और गायब हो गयाखबर के मुताबिक, एक बार फिर आदमखोर भेड़िए ने इंसान के बच्चे को अपना शिकार बनाया है। घटना दिल दहला देने वाली है। एक 3 साल का मासूम अपनी मां के पास सो रहा था। सब कुछ शांत था, तभी अंधेरे में घात लगाए बैठे भेड़िए ने मौका पाकर बच्चे पर हमला कर दिया और उसे मुंह में दबाकर भाग निकला।जब मां की नींद खुली और बच्चा पास में नहीं दिखा, तो उसकी चीखों से पूरा गांव जाग गया। गांव वालों ने टार्च और डंडे लेकर काफी दूर तक पीछा किया, लेकिन अंधेरा और झाड़ियों का फायदा उठाकर जानवर भाग गया।इंसान बड़ा या जानवर?यह पहली घटना नहीं है। बहराइच के महसी और आसपास के इलाकों में पिछले काफी समय से भेड़ियों का आतंक चल रहा है। 'ऑपरेशन भेड़िया' चला, कई भेड़िए पकड़े भी गए, लेकिन लगता है खतरा अभी पूरी तरह टला नहीं है।इस ताजी घटना ने गांव वालों के सब्र का बांध तोड़ दिया है। लोग डरे हुए हैं और वन विभाग व प्रशासन से सवाल पूछ रहे हैं—आखिर कब तक हम रतजगा करेंगे? कब तक हमारे बच्चे सुरक्षित सो पाएंगे? सर्दी की रातें वैसे ही लंबी होती हैं, और ऊपर से इस 'मौत' के डर ने लोगों की नींद हराम कर दी है।सावधानी ही बचाव हैफिलहाल माहौल बेहद गमगीन और तनावपूर्ण है। प्रशासन फिर से सक्रिय हो रहा है, लेकिन गांव वालों के लिए यह सलाह है कि छोटे बच्चों को घर के आंगन या खुले में कतई अकेला न सुलाएं। रात के वक्त दरवाज़े बंद रखें और सतर्क रहें। एक मां का दर्द अभी शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता, जिसने अपनी आंखों के सामने अपना लाल खो दिया (या खतरे में देखा)।