News India Live, Digital Desk: नया साल (2026) बस दस्तक देने ही वाला है, और जनवरी महीने के कैलेंडर में एक बड़ी दिलचस्प तारीख उभर कर आई है 26 जनवरी। हम सब जानते हैं कि इस दिन पूरा देश 'गणतंत्र दिवस' की परेड का आनंद लेता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि 2026 में इसी दिन हमारे धर्म का एक बेहद पवित्र और शक्तिशाली पर्व भीष्म अष्टमी' (Bhishma Ashtami) भी पड़ रहा है?यह एक ऐसा दुर्लभ संयोग है जब एक तरफ देश भक्ति का जज्बा होगा और दूसरी तरफ भीष्म पितामह जैसी 'त्याग की मूर्ति' को नमन करने का अवसर। चलिए, आज बात करते हैं कि 2026 में यह दिन आपके लिए क्यों "गेम-चेंजर" साबित हो सकता है, खासकर अगर आप पारिवारिक समस्याओं या पितृ दोष से जूझ रहे हैं।महाभारत का वो योद्धा जिसने 'मौत' को भी वेटिंग लिस्ट में रखा!भीष्म पितामह की कहानी रोंगटे खड़े कर देती है। महाभारत के युद्ध में अर्जुन के तीरों से छलनी होने के बाद वे तीरों की शैय्या पर लेट गए थे। उन्हें 'इच्छा मृत्यु' का वरदान था। शरीर छलनी था, दर्द बेहिसाब था, लेकिन उन्होंने प्राण नहीं त्यागे। क्यों? क्योंकि वे सूर्य के 'उत्तरायण' होने का इंतजार कर रहे थे।मान्यता है कि जब सूर्य देव उत्तरायण होते हैं, तब शरीर छोड़ने से आत्मा को मोक्ष मिलता है और पुनर्जन्म के चक्कर से मुक्ति मिल जाती है। उन्होंने 58 दिनों तक उस दर्द को सहा और माघ मास की शुक्ल पक्ष की अष्टमी को अपनी देह का त्याग किया। यही वजह है कि इस दिन को इतना पावरफुल माना जाता है।2026 का शुभ मुहूर्त (Timings to Remember)अगले साल यह तिथि 26 जनवरी 2026, सोमवार को पड़ रही है।पूजा का सबसे अच्छा समय: दोपहर 11:23 बजे से लेकर 01:41 बजे तक।यह 'मध्याह्न काल' है, जिसे पूर्वजों के कार्यों के लिए सबसे शुभ माना जाता है। यानी आप सुबह 26 जनवरी की परेड देखकर फारिग हों और फिर पूजा में बैठें।क्यों करें भीष्म अष्टमी पर पूजा? (इसके फायदे)बहुत से लोगों को लगता है कि ये व्रत सिर्फ साधु-संतों के लिए है, लेकिन असल में यह आम गृहस्थ जीवन के लिए बहुत जरूरी है:पितृ दोष से मुक्ति: अगर आपको लगता है कि घर में बरकत नहीं है, बनते काम बिगड़ जाते हैं या बीमारियाँ पीछा नहीं छोड़ रहीं, तो इसे 'पितृ दोष' का संकेत माना जाता है। भीष्म अष्टमी पर, जिनके माता-पिता नहीं हैं, वे भीष्म पितामह के निमित्त तर्पण (जल देना) करें। कहा जाता है कि भीष्म, जिनके अपनी कोई संतान नहीं थी, उन्हें जल देने वाले को वे "पुत्र-पौत्र" जैसा आशीर्वाद देते हैं।सूनी गोद भरने के लिए: जिन दम्पत्तियों को संतान नहीं हो रही, उनके लिए भी यह दिन 'गोल्डन चांस' है। भीष्म अष्टमी का व्रत और पूजा करने से गुणवान और तेजस्वी संतान प्राप्ति की मान्यता है।करना क्या है?बहुत आसान है। 26 जनवरी 2026 को नहाने के पानी में थोड़ा गंगाजल डालें। स्नान के बाद दक्षिण दिशा की तरफ मुंह करके, हाथ में जल, तिल और कुशा लेकर कहें "हे भीष्म पितामह! मैं आपको यह जल अर्पित करता हूं, मेरे परिवार और पूर्वजों को शांति दें।"तो 2026 की डायरी में 26 जनवरी को सिर्फ 'Republic Day' नहीं, बल्कि 'मोक्ष का दिन' भी मार्क कर लीजिए। क्या पता, पितामह का एक आशीर्वाद आपकी जिंदगी की रुकावटों को हमेशा के लिए दूर कर दे?