स्थानीय शेयर बाजार में तेजी का सिलसिला सोमवार को दूसरे कारोबारी सत्र में जारी रहा और बीएसई सेंसेक्स 638 अंक चढ़ा जबकि एनएसई निफ्टी 26,000 अंक के ऊपर बंद हुआ। विदेशी संस्थागत निवेशकों के पूंजी निवेश तथा अमेरिकी फेडरल रिजर्व के नीतिगत दर में और कटौती की उम्मीद से निवेशकों की धारणा सकारात्मक रहने से बाजार बढ़त में रहा।
क्या रहा हाल
बीएसई सेंसेक्स 638.12 अंक यानी 0.75 प्रतिशत चढ़कर 85,567.48 अंक पर बंद हुआ। कारोबार के दौरान एक समय यह 671.97 अंक तक चढ़ गया था। पचास शेयरों वाला एनएसई निफ्टी 206 अंक यानी 0.79 प्रतिशत चढ़कर 26,000 अंक के पार 26,172.40 अंक पर बंद हुआ। सेंसेक्स में शामिल कंपनियों में से ट्रेंट में सर्वाधिक 3.56 प्रतिशत की तेजी रही। इसके अलावा इन्फोसिस, टेक महिंद्रा, एचसीएल टेक, टीसीएस, भारती एयरटेल, भारत इलेक्ट्रॉनिक्स, टाटा मोटर्स, रिलायंस और मारुति प्रमुख रूप से लाभ में रहीं। दूसरी तरफ, भारतीय स्टेट बैंक सर्वाधिक 0.6 प्रतिशत नुकसान में रहा। इसके अलावा, कोटक महिंद्रा बैंक, लार्सन एंड टुब्रो और टाइटन भी नुकसान में रहे।
जियोजीत इन्वेस्टमेंट्स लि. के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा, ‘‘मजबूत नकदी और वैश्विक संकेतों के समर्थन से भारतीय बाजार ने साल के अंत की तेजी को बरकरार रखा है। इसका कारण 2026 में फेडरल रिजर्व द्वारा नीतिगत दर में और कटौती की उम्मीद है। विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) ने शुद्ध लिवाली की, जिससे सकारात्मक माहौल और मजबूत हुआ। इसमें आईटी और धातु क्षेत्र में सबसे अधिक लाभ हुआ।’’
छोटी कंपनियों से जुड़ा बीएसई स्मॉलकैप सूचकांक 1.12 प्रतिशत चढ़ा, जबकि मझोली कंपनियों का मिडकैप 0.86 प्रतिशत मजबूत हुआ। बीएसई में सूचीबद्ध कंपनियों में 2,796 के शेयर लाभ में, जबकि 1,514 शेयर नुकसान में रहे। 191 शेयर के भाव में कोई बदलाव नहीं हुआ।
ऑनलाइन ट्रेडिंग कंपनी एनरिच मनी के सीईओ पोनमुडी आर ने कहा, “अमेरिकी डॉलर-रुपया विनिमय दर में स्थिरता और पिछले कुछ सत्रों में विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों की घरेलू शेयरों की शुद्ध लिवाली के साथ चौतरफा खरीदारी देखने को मिली है। इसके साथ वायदा एवं विकल्प खंड में सौदों को पूरा करने के लिए व्यापक लिवाली देखने को मिल रही है।’’
उन्होंने कहा कि अमेरिकी फेडरल रिजर्व द्वारा मौद्रिक नीति में और ढील की उम्मीद से वैश्विक जोखिम लेने की प्रवृत्ति भी मजबूत बनी रही। इससे वैश्विक बाजारों में जोखिम लेने की प्रवृत्ति को बनाए रखने में मदद मिली। एशिया के अन्य बाजारों में, दक्षिण कोरिया का कॉस्पी, जापान का निक्की, चीन का शंघाई कम्पोजिट और हांगकांग का हैंग सेंग बढ़त में रहे। Edited by : Sudhir Sharma