अटल जी की कविता, जनसंघ से BJP तक की झलक… पीएम मोदी आज देश को समर्पित करेंगे 'राष्ट्र प्रेरणा स्थल'
TV9 Bharatvarsh December 25, 2025 12:43 PM

पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की कविताएं और भाषण, भारतीय जनसंघ के संस्थापक श्यामा प्रसाद मुखर्जी और दीनदयाल उपाध्याय के राष्ट्रवादी कोट्स, साथ ही देश बनाने में उनके योगदान को दिखाने वाले ऑडियो प्रेजेंटेशन, ये लखनऊ में राष्ट्र प्रेरणा स्थल की कई खासियतों में से हैं. यह राष्ट्र प्रेरणा स्थल 25 दिसंबर, गुरुवार को अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के उद्घाटन के बाद आम लोगों के लिए खुल जाएगा. प्रधानमंत्री गुरुवार को इसे देश को समर्पित करेंगे.

उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के बाहरी इलाके में हरदोई रोड पर गोमती नदी के किनारे 65 एकड़ में फैला यह मेमोरियल कमल के आकार का है. इसका मुख्य आकर्षण वाजपेयी, मुखर्जी और उपाध्याय की तीन ऊंची कांसे की मूर्तियां हैं, जो बीजेपी और जनसंघ के आइकॉन हैं.

एलडीए अधिकारियों ने कहा कि 65 फीट ऊंची ये मूर्तियां राज्य की राजधानी में लगी सभी हस्तियों की मूर्तियों में सबसे ऊंची हैं. इनमें से हर मूर्ति का वजन 42 टन है; उनके प्लेटफॉर्म के चारों ओर एक पानी का तालाब है.

230 करोड़ की लागत से बना है राष्ट्र प्रेरणा स्थल

230 करोड़ रुपये की लागत से बना यह संग्रहालय लखनऊ डेवलपमेंट अथॉरिटी (LDA) की बसंत कुंज स्कीम के तहत बनाया गया था. इसका निर्माण 2022 में शुरू हुआ था.

राष्ट्र प्रेरणा स्थल के कई आकर्षणों में से एक 6,300 वर्ग फीट एरिया में बना दो मंजिला म्यूजियम है. इसमें तीन नेताओं को समर्पित पांच गैलरी और 12 इंटरप्रिटेशन वॉल हैं. दो कमरों में, उनके जीवन पर ओरिएंटेशन फिल्में दिखाई जाएंगी.

एलडीए के एक अधिकारी ने कहा कि यह म्यूजियम तीन महान हस्तियों को समर्पित है. उनके विचार और सामान जरूरी घटनाएं वहां दिखाई गई हैं. उदाहरण के लिए, भारतीय जनसंघ के बनने का इतिहास दिखाया गया है. इसका मकसद यह है कि लोगों को देश बनाने में उनके योगदान के बारे में पता चले.

तीन महान हस्तियों को है समर्पित

दिखाए गए टेक्स्ट में यह भी लिखा है कि 1952 के चुनावों में, जनसंघ को जबरदस्त सफलता मिली और उसका चुनाव निशान — दीया (दीपक) — आजाद भारत में उभरती हुई राष्ट्रवादी पॉलिटिक्स का सिंबल बन गया. म्यूजियम की एक गैलरी में दीया, सुदर्शन चक्र और भारत माता की एक मूर्ति लगाई गई है.

यहां एक एम्फीथिएटर भी है, जिसमें 3,000 लोगों के बैठने की कैपेसिटी है, एक मेडिटेशन हॉल, एक योग सेंटर, एक म्यूजिकल ब्लॉक, हेलीपैड और रैली ग्राउंड है, जिसमें 2 लाख से ज्यादा लोग आ सकते हैं. उद्घाटन के अवसर पर पीएम मोदी के भाषण के दौरान ग्राउंड पर करीब 2 लाख लोग मौजूद रहने के आसार हैं.

पूरे परिसर को फूलों से सजाया गया

पूरे परिसर को देश के अलग-अलग हिस्सों से लाए गए फूलों से सजाया जा रहा है, जबकि आयोजन स्थल तक जाने वाली लखनऊ की सड़कों को साफ़ और सजाया जा रहा है और स्ट्रीट लाइटों की मरम्मत की जा रही है.

पार्टी सूत्रों के मुताबिक, यह एक अनोखा मेमोरियल है क्योंकि यह पहला ऐसा प्रोजेक्ट होगा, जहां पार्टी के तीनों बड़े नेताओं की ऊंची मूर्तियां एक ही जगह पर होंगी. बता दें कि अभी तक, चारबाग इलाके में दीन दयाल उपाध्याय की सिर्फ एक मूर्ति, सिविल हॉस्पिटल में मुखर्जी की एक और लोक भवन और कन्वेंशन सेंटर में वाजपेयी की दो मूर्तियां हैं.

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