ऑस्ट्रेलिया के जॉश इंग्लिस की मौजूदा फॉर्म ने चयनकर्ताओं को सोच में डाल दिया है। भारत के खिलाफ मेलबर्न (MCG) में होने वाले बॉक्सिंग डे टेस्ट से पहले, यह मांग तेज़ हो गई है कि इंग्लिस को उनकी आक्रामक बल्लेबाज़ी के दम पर प्लेइंग-11 में शामिल किया जाए।
• विशेषज्ञ बल्लेबाज़ की भूमिका: हालांकि एलेक्स कैरी दस्तानों के साथ शानदार प्रदर्शन कर रहे हैं, लेकिन मध्यक्रम में रन बनाने की ज़रूरत ने इंग्लिस के लिए रास्ते खोल दिए हैं। उनकी स्पिन खेलने की काबिलियत भारतीय स्पिनरों के खिलाफ विंडीज़ या उपमहाद्वीप की पिचों जैसा प्रभाव पैदा कर सकती है।
• शॉर्ट-फॉर्म फॉर्म: हाल ही में सफेद गेंद के क्रिकेट में उनके शतकों और तेज़ तर्रार पारियों ने साबित किया है कि वह दबाव में भी बेहतरीन बल्लेबाज़ी कर सकते हैं। ऑस्ट्रेलियाई पूर्व क्रिकेटरों का मानना है कि उनकी मौजूदगी से टीम को अतिरिक्त गति मिलेगी।
• रणनीतिक बदलाव: कोच एंड्रयू मैकडोनाल्ड ने संकेत दिया है कि टीम संतुलन को देखते हुए कुछ कड़े फैसले लिए जा सकते हैं। इंग्लिस की फील्डिंग और गेंदबाज़ी के प्रति उनकी समझ (विकेटकीपर के तौर पर) भी टीम के लिए रणनीतिक रूप से सहायक है।