ग्वालियर, 25 दिसंबर (Udaipur Kiran) . Madhya Pradesh के ग्वालियर में गुरुवार की शाम तबला दिवस और ग्वालियर गौरव दिवस के अवसर पर आयोजित भव्य सांस्कृतिक कार्यक्रम में प्रसिद्ध सूफी गायक कैलाश खेर ने अपनी प्रस्तुति दी. यह आयोजन ग्वालियर व्यापार मेला मैदान में शाम 7 बजे से शुरू हुआ. कैलाश खेर ने जाना जोगी दे नाल वे से स्टेज पर एंट्री ली. उन्होंने देशभक्ति, सूफियाना और भावपूर्ण गीतों की प्रस्तुति दी.
दरअसल, ग्वालियर का नाम Indian शास्त्रीय संगीत, घरानों और सुर साधना की परंपरा के लिए जाना जाता है. पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न स्वर्गीय अटल Biharी वाजपेयी की जयंती के अवसर पर मनाए जाने वाले ग्वालियर गौरव दिवस पर कैलाश खेर जैसे अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त कलाकार की प्रस्तुति ने इस आयोजन को और भी खास बना दिया. उनकी बुलंद आवाज़ और संवेदनशील गायकी ने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया. कभी गीत श्रद्धा बनकर झरे, तो कभी उत्साह और आत्मचिंतन में ढल गए. पूरे परिसर में संगीत और गौरव की गूंज छा गई.
समारोह का शुभारंभ प्रभारी एवं जल संसाधन मंत्री तुलसीराम सिलावट ने पूर्व प्रधानमंत्री, भारत रत्न अटल Biharी वाजपेयी के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित कर और दीप प्रज्ज्वलन के साथ किया. ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर सहित जनप्रतिनिधि भी मंच पर उपस्थित रहे. कार्यक्रम में उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति, संभागीय आयुक्त मनोज खत्री, कलेक्टर रुचिका चौहान, वायुसेना अधिकारी, जनप्रतिनिधि, प्रशासनिक अधिकारी और बड़ी संख्या में संगीत प्रेमी नागरिक शामिल हुए.
कैलाश खेर की गायकी की शैली लोक संगीत से गहराई से प्रभावित है, जिसमें सूफी कव्वाली, भक्ति और लोक रंगों का अद्भुत संगम देखने को मिलता है. उनकी आवाज में श्रोताओं को शांति और आध्यात्मिक अनुभूति की ओर ले जाने की क्षमता है. उन्होंने अब तक करीब 18 भाषाओं में गीत गाए हैं और Bollywood की कई चर्चित फिल्मों में पार्श्व गायन कर अपनी अलग पहचान बनाई है. उनके प्रसिद्ध गीतों में “बम लहरी”, “यूं ही चला चल राही”, “तेरी दीवानी”, “अल्लाह के बंदे” और “चांद सिफारिश” जैसे सुपरहिट गीत शामिल हैं. उनकी गायकी न केवल युवाओं बल्कि हर आयु वर्ग के संगीत प्रेमियों को आकर्षित करती है.
(Udaipur Kiran) तोमर