कांग्रेस ने पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की पुण्यतिथि पर शुक्रवार को उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की और कहा कि उनके नेतृत्व ने भारत की अर्थव्यवस्था एवं लोकतंत्र को मजबूती दी।
सिंह का जन्म 26 सितंबर 1932 को पंजाब के गाह गांव में हुआ था जो अब पाकिस्तान का हिस्सा है। सिंह 2004 से 2014 तक प्रधानमंत्री रहे। 26 दिसंबर 2024 को उनका निधन हो गया था।
मनमोहन सिंह के नेतृत्व ने देश की अर्थव्यवस्था और लोकतंत्र को मजबूत कियाकांग्रेस ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, "डॉ. मनमोहन सिंह की पुण्यतिथि पर, हम एक सत्यनिष्ठा, विनम्रता और दूरदर्शिता वाले राजनेता को याद करते हैं। उनके नेतृत्व ने भारत की अर्थव्यवस्था और लोकतंत्र को मजबूत किया। "
मुख्य विपक्षी दल ने कहा कि मनमोहन सिंह निस्वार्थ और दृढ़ संकल्प के साथ देश की सेवा करने वाले प्रधानमंत्री रहे।
कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने 'एक्स' पर लिखा, "उनकी पहली पुण्यतिथि पर हम पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह के भारत के राष्ट्र निर्माण में दिए गए अपार योगदान को गहरे सम्मान के साथ याद करते हैं। एक परिवर्तनकारी नेता के तौर पर उन्होंने देश के आर्थिक रास्ते को नया आकार दिया और आर्थिक सुधारों के ज़रिए लाखों लोगों के लिए अवसर बढ़ाए और लाखों लोगों को गरीबी से बाहर निकाला।"
उन्होंने आगे लिखा कि अपनी विनम्रता, ईमानदारी और बुद्धिमत्ता के लिए जाने जाने वाले डॉ. मनमोहन सिंह ने गरिमा और करुणा के साथ नेतृत्व किया, यह सुनिश्चित करते हुए कि प्रगति समावेशी बनी रहे और कल्याण सबसे जरूरतमंद लोगों तक पहुंचे। अधिकार आधारित मॉडल उसी दृष्टिकोण का प्रमाण है। हमने उनके विजन के तहत एक मजबूत भारत का निर्माण किया था। हम एक ऐसे राजनेता को दिल से श्रद्धांजलि देते हैं जिनकी ईमानदार सार्वजनिक सेवा और स्थायी सुधारों की विरासत पीढ़ियों को प्रेरित करती रहेगी।
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने 'एक्स' पर अपने पोस्ट में कहा, ‘‘भारत के पूर्व प्रधानमंत्री, पूर्व वित्त मंत्री एवं रिजर्व बैंक के गवर्नर डॉ मनमोहन सिंह की पुण्यतिथि पर उन्हें सादर नमन। डॉ मनमोहन सिंह समानता में विश्वास रखने वाले, दृढ़ निश्चयी, साहसी और गरिमापूर्ण व्यक्तित्व की मिसाल थे। वे सच्चे अर्थों में देश की प्रगति के लिए समर्पित रहे।’’
प्रियंका गांधी ने कहा, "उनकी सादगी, ईमानदारी और देश के प्रति उनका समर्पण सदैव हम सबको प्रेरणा देता रहेगा।"
कर्नाटक के उप मुख्यमंत्री डीके शिवकुमार ने लिखा कि पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह की पुण्यतिथि पर उन्हें श्रद्धांजलि। भारत को आर्थिक संकट से बाहर निकालने से लेकर एक दशक तक प्रधानमंत्री के रूप में देश का नेतृत्व करने तक, उनका प्रभाव बहुत गहरा था। उन्होंने आरटीआई एक्ट के जरिए पारदर्शिता को बढ़ावा दिया और मनरेगा के जरिए काम की गरिमा को बनाए रखा। उनके नेतृत्व में सुधार, करुणा और जिम्मेदारी का संतुलन था। भारत उन्हें एक ऐसे नेता के रूप में याद करता है जिन्होंने देश और उसकी संस्थाओं को राजनीति से ऊपर रखा।
कांग्रेस संसद डॉ. सैयद नसीर हुसैन ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर लिखा, "डॉ. मनमोहन सिंह की पहली पुण्यतिथि पर हम एक ऐसे राजनेता को याद करते हैं जिनके विजन ने भारत को बदल दिया। 1991 में वित्त मंत्री के तौर पर उन्होंने लाइसेंस राज को खत्म किया और आर्थिक उदारीकरण की शुरुआत की, जिससे लाखों लोग गरीबी से निकले। उनके शांत स्वभाव और आर्थिक समझ ने भारत के वैश्विक उदय की नींव रखी, यह साबित करते हुए कि साहसिक सुधार एक राष्ट्र की किस्मत बदल सकते हैं।"
उन्होंने आगे लिखा कि 2004 से 2014 तक प्रधानमंत्री के तौर पर मनमोहन ने मनरेगा, सूचना का अधिकार अधिनियम और शिक्षा का अधिकार अधिनियम जैसे ऐतिहासिक कानूनों के जरिए समावेशी विकास को बढ़ावा दिया। इन कदमों ने हाशिए पर पड़े लोगों को सशक्त बनाया, लोकतंत्र को मजबूत किया और यह सुनिश्चित किया कि सामाजिक न्याय आखिरी व्यक्ति तक पहुंचे। उनके नेतृत्व में ऐतिहासिक भारत-अमेरिका नागरिक परमाणु समझौते ने भारत के ऊर्जा भविष्य को सुरक्षित किया और दुनियाभर में हमारी रणनीतिक स्थिति को ऊंचा उठाया।
डॉ. सैयद नसीर हुसैन ने लिखा कि डॉ. मनमोहन सिंह ईमानदारी, बुद्धिमत्ता और निस्वार्थ सेवा की मिसाल थे। हम राष्ट्र निर्माण में उनके परिवर्तनकारी योगदान का सम्मान करते हैं। आर्थिक सुधारों से लेकर कल्याणकारी योजनाओं तक, जिन्होंने भारत के मध्यम वर्ग का निर्माण किया। इस गंभीर दिन पर हम एक ऐसे न्यायसंगत, समृद्ध भारत के उनके विजन के प्रति खुद को फिर से समर्पित करते हैं जो हर नागरिक का उत्थान करे।
पीटीआई और आईएएनएस के इनपुट के साथ