पेंशन नियमों के विपरीत जाकर रिटायर प्रिंसिपल की पेंशन रोकने पर मांगा जवाब
Udaipur Kiran Hindi December 28, 2025 06:42 AM

जयपुर, 27 दिसंबर (Udaipur Kiran) . Rajasthan हाईकोर्ट ने पेंशन नियमों के विपरीत जाकर राज्यपाल की बजाय माध्यमिक शिक्षा निदेशक की ओर से रिटायर प्रिंसिपल की पेंशन का का कुछ हिस्सा रोकने पर प्रमुख शिक्षा सचिव, माध्यमिक शिक्षा निदेशक और पेंशन निदेशक सहित मुख्य जिला शिक्षा अधिकारी, सवाई माधोपुर से जवाब तलब किया है. जस्टिस अशोक कुमार जैन की एकलपीठ ने यह आदेश कमलेश कुमार जोशी की याचिका पर सुनवाई करते हुए दिए.

याचिका में अधिवक्ता विजय पाठक ने बताया कि याचिकाकर्ता प्रिंसिपल पद से 31 मई 2021 को रिटायर हुआ, लेकिन पूर्व की विभागीय जांच के लंबित होने के कारण माध्यमिक शिक्षा निदेशक ने उसकी दस फीसदी पेंशन रोकने का दंडादेश दिया. इसे हाईकोर्ट में चुनौती देते हुए कहा कि वह बामनवास में ब्लॉक प्रारंभिक शिक्षा अधिकारी के तौर पर अक्टूबर 2014 से जून 2015 तक कार्यरत रहा. उस दौरान कार्यालय के अधीन कुछ अधिकारियों व कर्मचारियों की मिलीभगत से तीन-चार साल दिसंबर 2009 से पोषाहार में गबन हो रहा था. इसकी जानकारी मिलने पर याचिकाकर्ता ने तत्काल बामनवास थाने में एफआईआर दर्ज कराई. इससे विभाग को पैसा वापस मिला. वहीं जिला परिषद सवाई माधोपुर और अतिरिक्त Superintendent of Police की जांच में प्रार्थी को दोषमुक्त किया और दोषी अफसर व कर्मचारियों पर कार्रवाई हुई. इसके बावजूद विभाग ने प्रार्थी को सीसीए नियमों में चार्जशीट दी, जिसका याचिकाकर्ता ने जवाब दे दिया. इस दौरान उसके रिटायर होने पर भी जांच जारी रखी और 17 दिसंबर 2024 को माध्यमिक शिक्षा निदेशक ने आदेश जारी कर उसकी दस फीसदी पेंशन रोक ली. याचिका में कहा गया कि याचिकाकर्ता राज्य सेवा के अधिकारी के तौर पर रिटायर हुआ था और Rajasthan पेंशन नियमों के अनुसार केवल राज्यपाल राज्य सेवा के अधिकारी के खिलाफ दंडादेश जारी कर सकते हैं. इसलिए माध्यमिक शिक्षा निदेशक के आदेश को रद्द किया जाए. जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने संबंधित अधिकारियों से जवाब तलब किया है.

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(Udaipur Kiran)

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