ब्रिटेन में बांग्लादेशी दूतावास के बाहर हनुमान चालीसा का पाठ, ब्रिटिश हिंदुओं ने किया विरोध प्रदर्शन
TV9 Bharatvarsh December 28, 2025 12:42 PM

बंगाली हिंदू आदर्श संघ (बीएचएस) यूके के सदस्यों ने शनिवार को लंदन में बांग्लादेशी उच्चायोग के बाहर ‘हिंदुओं के लिए न्याय’ को लेकर विरोध प्रदर्शन किया, जिसमें बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों पर हो रहे अत्याचारों की खबरों के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय कार्रवाई की मांग की गई.

इस समूह को अन्य भारतीय प्रवासी संगठनों का समर्थन प्राप्त था. सदस्यों ने ‘हिंदू जीवन मायने रखता है’ जैसे नारे लगाए और हनुमान चालीसा का पाठ भी किया. विरोध प्रदर्शन के लिए किराए पर ली गई डिजिटल वैन में बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचारों से संबंधित कुछ तथ्य और आंकड़े प्रदर्शित किए गए.

अल्पसंख्यक अधिकारों की रक्षा की मांग

बीएचएस यूके ने एक बयान में कहा कि हमारे उत्साही और सम्माननीय श्रोताओं में छात्र, पेशेवर, बच्चों के साथ माता-पिता, बुजुर्ग कार्यकर्ता और अंतरधार्मिक नेता शामिल थे, जो सभी अल्पसंख्यक अधिकारों की रक्षा और मानवाधिकारों के हनन के लिए जवाबदेही की मांग करने के लिए एकजुट थे.

हिंदुओं के खिलाफ मानवाधिकारों का उल्लंघन

समूह ने कहा कि विरोध प्रदर्शन का मुख्य उद्देश्य बांग्लादेशी हिंदुओं के खिलाफ मानवाधिकारों के उल्लंघन के बारे में वैश्विक जागरूकता बढ़ाना, ब्रिटिश सरकार की भागीदारी सहित अंतरराष्ट्रीय संरक्षण को प्रोत्साहित करना और मुख्य सलाहकार मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली बांग्लादेश की अंतरिम सरकार से संवैधानिक गारंटियों का पालन करने, घटनाओं की जांच करने और अल्पसंख्यक नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने का आग्रह किया जाता है.

बांग्लादेश के अल्पसंख्यकों के साथ भेदभाव

बांग्लादेश अल्पसंख्यक संघ (बीएचएएस यूके) के प्रवक्ता ने कहा कि बांग्लादेश के अल्पसंख्यक समुदाय लंबे समय से भेदभाव, हिंसा, हत्या और जनसंख्या में गिरावट जैसी समस्याओं का सामना कर रहे हैं. प्रदर्शनकारियों ने अंतरधार्मिक वक्ता चिनमय प्रभु की अनैतिक गिरफ्तारी और इस्लामी चरमपंथियों द्वारा दीपू दास की सार्वजनिक रूप से पीट-पीटकर हत्या की निंदा की.

दीपू चंद्र दास की हत्या

दीपू चंद्र दास को ईशनिंदा के आरोप में भीड़ ने जला दिया था, जिसे बाद में बांग्लादेशी अधिकारियों ने निराधार बताया. लंदन में यह विरोध प्रदर्शन बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों के खिलाफ बढ़ती हिंसा को लेकर चिंता के बाद हुआ है. विदेश मंत्रालय (एमईए) ने शुक्रवार को कहा कि चरमपंथियों द्वारा बांग्लादेश में हिंदुओं, ईसाइयों और बौद्धों सहित अल्पसंख्यकों के खिलाफ जारी शत्रुता गंभीर चिंता का विषय है.

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