Shiv Puja: शिवलिंग की पूजा करके इन 3 जगहों पर करें स्पर्श, मंगल दोष का प्रभाव होगा कम
TV9 Bharatvarsh December 28, 2025 01:43 PM

Shiv Puja Astro Trips: महादेव की पूजा-उपासना जीवन के सारे संकटों को दूर करती हैं. शिव जी का पूजन करने से जन्म कुंडली के बड़े-बड़े दोषों का निवारण हो जाता है. शिव पुराण के अनुसार, शिवलिंग में भगवान शिव के साथ उनका पूरा परिवार विराजमान है. शिवलिंग में भगवान शिव के साथ माता पार्वती, भगवान गणेश, भगवान कार्तिकेय और पुत्री अशोक सुंदरी भी विराजती हैं.

इसी कारण से कहा जाता है की शिवलिंग के अलग-अलग स्थानों को स्पर्श करना चाहिए. मान्यता है कि शिवलिंग के अलग-अलग स्थानों पर स्पर्श करने से जीवन की तमाम परेशानियों से मुक्ति मिल जाती है. कहा जाता है शिवलिंग की पूजा करते समय अगर इन तीन स्थानों पर स्पर्श किया जाए तो मांगलिक दोष का असर कम हो सकता है. ऐसे में आइए जानते हैं कि शिवलिंग के तीन स्थान कौन से हैं?

शिवलिंग को स्पर्श करने का पहला स्थान

शिवलिंग को स्पर्श करने का पहला स्थान जलाधारी में आगे की ओर बताया जाता है. ये पैरों की तरह दिखाई पड़ते हैं. माना जाता है कि इस स्थान पर भगवान गणेश जी और कार्तिकेय विराजमान हैं. ऐसे में पूजा करने के बाद शिवलिंग के इस स्थान पर आदरपूर्क स्पर्श करें. इसके बाद हाथों को पेट पर लगाएं. ऐसा करने से संतान सुरक्षा का आशीर्वाद मिलता है.

शिवलिंग को स्पर्श करने का दूसरा स्थान

शिव पुराण में बताया गया है कि जहां से जल प्रवाहित होता है, वो शिवलिंग को स्पर्श करने का दूसरा स्थान है. शिवलिंग के जलाधारी के बीच के स्थान में भगवान शिव की पुत्री विराजमान रहती हैं. इस जगह पर बेलपत्र से स्पर्श करना चाहिए. ऐसा करने से विवाह में आ रही परेशानियां और मांगलिक दोष का प्रभाव कम होता है.

शिवलिंग पर स्पर्श करने का तीसरा स्थान

शिवलिंग को स्पर्श करने का तीसरा स्थान जलाधारी के पीछे का गोल माना जाता है. ये मां पार्वती का हस्त कमल कहा जाता है. इस स्थान को स्पर्श करने पर सेहत का आशीर्वाद मिलता है. गंभीर बिमारियां दूर होती हैं.

ये भी पढ़ें: Shani Dev: कैसी रहेगी 2026 में शनि की चाल, किन राशि वालों को रहना होगा सावधान? दाती महाराज ने बताया

Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी धार्मिक मान्यताओं और ज्योतिष पर आधारित है. टीवी9 भारतवर्ष इसकी पुष्टि नहीं करता है.

© Copyright @2025 LIDEA. All Rights Reserved.