स्वास्थ्य क्षेत्र में Chhattisgarh की प्रगति की केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने की सराहना
राज्य के स्वास्थ्य मंत्री ने आठ मेडिकल कालेजों के लिए अलग अस्पताल बनाने की रखी मांग
रायपुर / New Delhi, 30 दिसंबर (Udaipur Kiran) . केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने राज्यों को स्वास्थ्य क्षेत्र में मिशन मोड में कार्य करने के निर्देश देते हुए कहा कि टीबी मुक्त भारत का लक्ष्य समयबद्ध रूप से प्राप्त किया जाएगा तथा जनभागीदारी आधारित मॉडल से स्वास्थ्य सेवाओं को जमीनी स्तर पर सुदृढ़ किया जाएगा. बैठक में Chhattisgarh प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री ने आठ मेडिकल कॉलेजों के लिए पृथक अस्पताल स्थापित करने की मांग केंद्र के समक्ष रखी. इस पर नड्डा ने Chhattisgarh की प्रगति की सराहना करते हुए अतिरिक्त सहयोग का आश्वासन दिया.
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा यहां नई दिल्ली में दौरान Chhattisgarh में स्वास्थ्य सेवाओं को और सुदृढ़ बनाने के लिए राज्य के स्वास्थ्य मंत्री श्याम Biharी जायसवाल, सचिव स्वास्थ्य अमित कटारिया, मिशन संचालक राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन रणबीर शर्मा व अन्य विभागीय अधिकारियाें के साथ बैठक कर रहे थे. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने राज्य मेें स्वास्थ्य सेवाओं में प्रभावी सुधार की समीक्षा भी की. बैठक में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री नड्डा ने दवा विनियमन को कड़ा करने, निदान सुविधाओं का विस्तार करने, टेलीमेडिसिन व रोगी-केंद्रित देखभाल को बढ़ावा देने तथा जनभागीदारी को व्यापक रूप से सुनिश्चित करने पर विशेष बल दिया. केंद्रीय मंत्री ने बताया कि देशभर में स्वास्थ्य परामर्श अभियान की शुरुआत की गई है, जिसके माध्यम से औषधि प्रबंधन, निदान सेवाओं और जनस्वास्थ्य पहलों को नई दिशा मिलेगी और इनका प्रभाव सीधे नागरिकों तक पहुंचेगा.
केंद्रीय मंत्री ने निर्देश दिए कि राज्यों के सभी रक्तकोष निर्धारित सुरक्षा मानकों का पूर्ण पालन सुनिश्चित करें तथा उनकी नियमित निगरानी व निरीक्षण को कठोर बनाया जाए. नि:शुल्क औषधि एवं निदान योजना के अंतर्गत अधिकतम जनसंख्या को लाभान्वित करने, खाद्य पदार्थों में मिलावट की रोकथाम को प्राथमिकता देने और खाद्य एवं औषधि परीक्षण क्षमता को बढ़ाने के लिए राज्यों को ठोस कार्ययोजना बनाने के निर्देश दिए गए.
बैठक में क्षय रोग उन्मूलन कार्यक्रम को तेज़ी से आगे बढ़ाने पर विशेष जोर देते हुए अधिक से अधिक निक्षय मित्र बनाने और उनके माध्यम से क्षय रोगियों के लिए पोषण एवं खाद्य सहायता उपलब्ध कराने पर बल दिया गया. नड्डा ने कहा कि जोखिमग्रस्त आबादी में एक्स-रे आधारित जांच को तीव्र गति से पूर्ण कर समयबद्ध निदान सुनिश्चित किया जाएगा. वहीं सभी जिलों में डे-केयर कीमोथेरेपी सेवाएं संचालित कर कैंसर उपचार को सुदृढ़ किया जाएगा.
उन्होंने निर्देश दिए कि मातृ मृत्यु दर (एमएमआर), शिशु मृत्यु दर (आईएमआर ) एवं नवजात मृत्यु दर (एनएमआर) में कमी लाने हेतु निगरानी तंत्र को मजबूत किया जाए, जबकि गैर-संचारी रोगों की 100 प्रतिशत स्क्रीनिंग लक्ष्य आधारित तरीके से पूरी की जाए. इसी क्रम में कुष्ठ नियंत्रण के लिए प्रत्येक तिमाही सक्रिय रोगी खोज अभियान, एमएमआर और आईएमआर पर उन्मुखीकरण सुनिश्चित करने पर भी जोर दिया गया. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि केंद्र और राज्य की साझेदारी ही स्वास्थ्य सुधारों की आधारशिला है. हमारा लक्ष्य केवल सेवाओं का विस्तार नहीं, बल्कि परिणामों पर केंद्रित बदलाव है, ताकि अंतिम व्यक्ति तक गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाएँ पहुँचे. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने घोषणा की कि टीबी कार्यक्रम को मज़बूत करने के लिए 146 हैंडहेल्ड एक्स-रे मशीनें राज्यों को उपलब्ध कराई जाएँगी.
बैठक में प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री द्वारा आठ मेडिकल कॉलेजों के लिए पृथक अस्पताल स्थापित करने की माँग भी केंद्र के समक्ष रखी गई . नड्डा ने Chhattisgarh की प्रगति की सराहना करते हुए मानव संसाधन में अतिरिक्त सहयोग हेतु केंद्र के सहयोग का आश्वासन दिया.
बैठक के दौरान यह भी स्पष्ट किया गया कि सिंगल नोडल एजेंसी (एसएनए) प्रणाली ट्रस्ट मॉडल पर संचालित होती रहेगी, वहीं ग्रामीण क्षेत्रों से खाद्य एवं औषधि नमूनों की जाँच बढ़ाई जाएगी और खाद्य सुरक्षा क्षमता विस्तार हेतु राज्य आवश्यक स्थान उपलब्ध कराएँगे, जिसके लिए केंद्र वित्तीय मदद प्रदान करेगा.
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(Udaipur Kiran) / गेवेन्द्र प्रसाद पटेल