मध्य प्रदेश के इंदौर में दूषित पानी पीने से आठ लोगों के मरने का दावा, प्रशासन ने की 3 लोगों के मारे जाने की पुष्टि
Navjivan Hindi December 31, 2025 06:43 PM

देश के सबसे स्वच्छ शहर इंदौर में दूषित पानी पीने के कारण उल्टी-दस्त होने से आठ लोगों के मरने का दावा किया जा रहा है जबकि प्रशासन का कहना है कि डायरिया से केवल तीन मरीजों की जान गई है।

स्थानीय लोगों का दावा है कि दूषित पानी पीने के कारण उल्टी-दस्त की वजह से आठ लोगों की जान चली गई। स्थानीय लोगों के अनुसार, भागीरथपुरा क्षेत्र में दूषित पानी पीने से बीमार पड़ने के बाद पिछले एक सप्ताह में छह महिलाओं सहित आठ लोग दम तोड़ चुके हैं।

स्वास्थ्य विभाग के एक अधिकारी ने बुधवार को बताया कि भागीरथपुरा क्षेत्र में नंदलाल पाल (70), उर्मिला यादव (60) और तारा कोरी (65) की डायरिया से मृत्यु हुई है।

इस घटना पर राज्य के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने शोक व्यक्त किया है। उन्होंने मृतकों के परिजनों को दो-दो लाख रुपये की आर्थिक सहायता देने और सभी मरीजों के इलाज का पूरा खर्च राज्य सरकार द्वारा वहन किए जाने की घोषणा की है।

प्रशासन के एक अधिकारी ने बताया कि मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद भागीरथपुरा क्षेत्र में नगर निगम के एक जोनल अधिकारी और एक सहायक अभियंता को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है, जबकि एक प्रभारी सब-इंजीनियर की सेवाएं खत्म कर दी गई हैं।

अधिकारी ने बताया कि दूषित पेयजल कांड की जांच के लिए भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) के एक अधिकारी की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय समिति का गठन किया गया है।

नगर निगम आयुक्त दिलीप कुमार यादव ने बताया कि भागीरथपुरा में जलापूर्ति की मुख्य पाइपलाइन में उस स्थान पर लीकेज पाया गया है, जिसके ऊपर एक शौचालय बना हुआ है। उन्होंने कहा कि संभवतः इसी लीकेज के कारण पेयजल दूषित हुआ।

इस बीच, कांग्रेस की मध्यप्रदेश इकाई के प्रवक्ता नीलाभ शुक्ला ने आरोप लगाया कि प्रशासन दूषित पेयजल कांड में अपनी गंभीर लापरवाही छिपाने के लिए मृतकों का वास्तविक आंकड़ा छिपा रहा है।

उन्होंने कहा, ‘‘दूषित पेयजल कांड ने देश के सबसे स्वच्छ शहर इंदौर की छवि पर बदनुमा दाग लगा दिया है, लेकिन कार्रवाई के नाम पर महज लीपापोती की जा रही है।’’

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