Jaipur बिरला बोले, समाज को जाति के आधार पर चुनाव टिकट नहीं मांगना चाहिए
aapkarajasthan September 17, 2024 02:42 AM
जयपुर न्यूज़ डेस्क, जयपुर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा कि जातियों के आधार पर टिकट मांगना, जातियों के आधार पर नेतृत्व करना, यह वैश्य समाज का हिस्सा नहीं होना चाहिए। समाज का हिस्सा अपनी क्वालिटी और कार्य संस्कृति पर होना चाहिए। उन्होंने कहा कि हम अपनी कार्य संस्कृति व अपने काम की बदौलत ही चुनाव में जाते हैं। राजनीति में परिस्थितियां बदलती रहेगी, लेकिन हमें प्रतिस्पर्धा नहीं करनी चाहिए। कार्य संस्कृति और समर्पण हमारी पहचान है।बिरला यहां अन्तरराष्ट्रीय वैश्य फेडरेशन राजस्थान की ओर से अजमेर रोड पर आयोजित अन्तरराष्ट्रीय वैश्य महासमेलन ’विकसित भारत विजन-2027 - वैश्य समाज की भूमिका’ कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि वे कई देशों की यात्रा कर चुके हैं। वहां समाज के लोग और भारतीय युवा काम करते मिले। जापान में तो युवाओं की कमी के कारण हमारे देश के नौजवान सेवाएं दे रहे हैं। ऐसे में लगता है कि आबादी अभिशाप नहीं, वरदान है।

वो दिन दूर नहीं जब भारत का युवा विदेशों में प्रतिनिधित्व करेगा। टेक्नोलॉजी में हम आगे बढ़ रहे हैं, इससे लगता है कि दुनिया में भारत का नौजवान आगे होगा। दुनिया के लोग यहां आएं, इसके लिए हमें टेक्नोलॉजी अपडेट करनी होगी। व्यापार-उद्योग के दृष्टिकोण को बदलना होगा।दुनिया में सामाजिक बदलाव हो रहा है, जबकि भारत में आर्थिक बदलाव हो रहा है। बिरला ने कहा कि कभी दुनिया भारत को बाजार समझती थी, लेकिन अब वह समय आएगा जब पूरी दुनिया भारत के लिए बाजार होगी। इस पर हमें काम करना चाहिए।

संकट के समय वैश्य समाज आगे बढ़कर करता सेवा

बिरला ने कहा कि कोई भी संकट या आपदा आई, वैश्य समाज के लोग आगे बढ़कर सेवा करते हैं। संस्कार व विचारों के कारण समाज को प्रतिष्ठा मिली है। देश के विकास में वैश्य समाज का बड़ा योगदान रहा है। आजादी में स्वतंत्रता सेनानियों का सहयोग किया, वहीं आजादी से पहले जब राजा-महाराजाओं का दौर था, तब वैश्य समाज ने भामाशाह के रूप में भी सहयोग किया। समाज सामाजिक सरोकार करता आया है।

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