सिगरेट छोड़ने के बाद भी फेफड़ों होगा नुकसान, कैंसर जैसी हो सकती है बीमारी, जानिए ऐसा क्यों होता है?
Himachali Khabar Hindi September 20, 2024 11:42 AM

आज दुनिया के सभी देशों में स्मोकिंग करना आम बात हो गई है। भारत में कुछ युवा ऐसे हैं, जो सिर्फ दिखावे के लिए स्मोकिंग करते हैं पर कुछ ऐसे हैं, जिन्हें स्मोकिंग की बुरी लत लग चुकी है। जो लोग स्मोकिंग करते हैं उनके लिए तो यह कितना खतरनाक है यह तो हम जानते ही हैं। पर स्मोकिंग उनके आसपास वाले लोगों के लिए भी बहुत खतरनाक है। यह तो हम जानते हैं कि स्मोकिंग करने से हार्ट डिजीज, स्ट्रोक और लंग कैंसर जैसी बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है।

सिगरेट से निकलने वाला हानिकारक धुआं जो हमारे सांस के जरिए हम अंदर लेते हैं एक प्रकार का धीमा जहर है जो धीरे-धीरे हमारी जान ले लेता है। इस धुए में टार, अमोनिया, लेड जैसे तत्व होते हैं जो कैंसर जैसी बीमारियों को पैदा करने में सक्षम होते हैं। स्मोकिंग का मेन एडिक्टिव सब्सटांस(addictive substance) निकोटीन(nicotine) होता है, जो एक स्मोकर के दिमाग को रिलैक्स करता हैl

धूम्रपान करते समय तंबाकू में ऐसे हज़ारों केमिकल्स होते हैं, जो फेफड़ों के सेल के डीएनए को बदल देते हैं और उसे धीरे-धीरे स्वस्थ से कैंसर बनाते हैं। फेफड़ों के कैंसर को जन्म देने वाले केमिकल को स्थाई माना जाता है और धूम्रपान छोड़ने के बाद भी समझा जाता है कि यह वहीं रहता है।

“थर्ड हैंड स्मोक” का मतलब स्पष्ट रूप से नहीं समझा गया है। यह शब्द कैंसर पैदा करने वाले धुएं का वर्णन करने के लिए कहा गया है। जो तब बनता है जब तंबाकू के धुएं के कण हवा में गैसों के साथ मिल जाते हैं। और कीसी भी चीज़ो में चिपक जाते हैं जैसे कालीन, गलीचे, कपड़े, चादरें, दीवार पेंट, कार के डैशबोर्ड और यहां तक कि खिलौने में भी।

यह बच्चों के लिए हानिकारक होता हैं। वे बार-बार बीमार पड़ सकते हैं, उनको निमोनिया हो सकता हैं। गर्भवती महिलाओं को भी यह बहुत नुकसान पहुंचा सकता हैं। उनके गर्भ में पल रहे बच्चे पर इसका गलत असर पड़ता हैं। थर्ड हैंड स्मोक की वजह से मुँह की बीमारी, किडनी डिजीज, गले की समस्या, पैनक्रियास से जुड़ी समस्या कुछ भी हो सकता हैं। इसे भी जरूर देखें –

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