तिरुमाला मंदिर के लड्डू के लिए कितनी है गाय के घी की खपत, लाखों टन हो जाता है हवा
एबीपी लाइव डेस्क September 21, 2024 01:12 AM

Tirupati Laddu Row: आंध्र प्रदेश के तिरुपति बालाजी मंदिर के प्रसाद (लड्डू) को लेकर विवाद गहराता जा रहा है. कथित तौर पर मिलावटी और दूषित घी से लड्डू बनाने के आरोपों के बाद गाय के घी के सप्लायर को बदल दिया गया है. अब कर्नाटक के एक ब्रांड के घी की खरीद शुरू हो गई है. आरोप लगा है कि जब मार्केट में घी का रेट 500 रुपये प्रति किलो था तो खराब क्वालिटी का घी 319 रुपये प्रति किलो के भाव से खरीदा गया.

इससे पहले गुजरात और राजस्थान के सप्लायर घी की सप्लाई करते थे लेकिन विवाद उठने के बाद कर्नाटक मिल्क फेडरेशन (केएमएफ) को घी की सप्लाई करने को कहा गया है. केएमएफ पहले भी घी की सप्लाई करता रहा है लेकिन बाद में किसी दूसरे सप्लायर्स को ठेका दिए जाने के बाद इसने सप्लाई बंद कर दी.

जानिए, तिरुमाला मंदिर में घी की खरीद

देश भर में छह महीने की अवधि के लिए देश भर की डेयरियों से टैंकरों के माध्यम से एग्मार्क स्पेशल ग्रेड के साथ 20,00,000 (20 लाख) किलोग्राम गाय के घी की खरीद हुई.

इसी तरह छह महीने की अवधि के लिए तिरुमाला से 1,500 किलोमीटर के दायरे में टैंकरों के माध्यम से एग्मार्क स्पेशल ग्रेड के साथ 10,00,000 (10 लाख) किलोग्राम गाय के घी की खरीद हुई.

वहीं, आंध्र प्रदेश के भीतर स्थित डेयरियों से छह महीने की अवधि के लिए टैंकरों के माध्यम से एग्मार्क स्पेशल ग्रेड के साथ 500,000 (5 लाख) किलोग्राम गाय के घी को खरीदा गया.

देश भर में छह महीने की अवधि के लिए देश भर की डेयरियों से टिन के माध्यम से एग्मार्क स्पेशल ग्रेड के साथ 90,000 किलोग्राम गाय के घी की खरीद की गई.

क्या है विवाद?

दरअसल, आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू ने आरोप लगाया है कि पूर्व की सरकार के समय तिरुपति के प्रसाद यानि लड्डुओं को बनाने के लिए मछली का तेल और जानवरों की चर्बी का इस्तेमाल किया गया. बाद में गुजरात की लैब में जांच हुई तो इस बात की पुष्टि हुई. सामने आया है कि तिरुमाला तिरुपति देवस्थामन (टीटीडी) ने 12 मार्च 2024 को टेंडर निकाला था जो 8 मई को फाइनल हो गया. तमिलनाडु की एक डेयरी को ये ऑर्डर मिला. इस कंपनी ने 319 रुपये प्रति किलो के भाव से शुद्ध घी का प्राइस कोट किया था.   

मंदिर का ट्रस्ट हर रोज 3 लाख से ज्यादा लड्डू तैयार करता है, जिसमें हर रोज 10 हजार किलो घी का इस्तेमाल होता है. इस कंपनी ने 10 टैंकर्स में घी सप्लाई भी किया. इनमें से 6 टैंकर का इस्तेमाल भी हो चुका था.

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