इराक के साथ कई साल चले युद्ध में ईरान को भारी नुकसान हुआ है. इस युद्ध ने ईरान को आर्थिक और सामाजिक रूप से तबाह कर दिया था. इस युद्ध के बाद ईरान किसी भी कीमत पर एक और पूर्ण युद्ध नहीं चाहता है. इराक पर अमेरिका के आक्रमण के बाद ईरान ने अपने प्रॉक्सी पर भरोसा जताया है. लेकिन अब उसे अगले कदम के लिए बहुत ज्यादा संसाधनों की जरूरत है.
ईरान के सामने सबसे बड़ी मुश्किल यह भी है कि इजरायल पर अगर वो हमला करता है तो अमेरिका भी इस युद्ध में सीधे तौर पर शामिल हो जाएगा. इससे उसे आर्थिक तौर पर काफी ज्यादा नुकसान होगा. हाल में ही ईरान ने हमास, हिजबुल्लाह जैसे गुटों के सहारे अपने हित को साधने की कोशिश की है.
ईरान इस समय क्षेत्रीय युद्ध से बचा रहना चाहता है. ईरान तब तक अपने रणनीतिक धैर्य को बनाए रखेगा, जब तक वह अपनी रेड लाइन की रक्षा कर सके. ईरान के लिए इस समय रेड लाइन तेल और गैस फैसिलिटी, बंदरगाह और बांध, क्षेत्रीय अखंडता और अपने राष्ट्राध्यक्ष की सुरक्षा सबसे पहले है.