बरसों से देश-विदेश के रसोई घरों में राज करने और बच्चों का लंच बॉक्स बनाने वाली कंपनी टपरवेयर ब्रांड्स सड़क पर आ गई। वित्तीय संकट की वजह से यह बंद होने के कगार पर है। यदि यह बंद हो जाती है, तो हिंदुस्तान समेत दुनिया के कई राष्ट्रों में टपरवेयर ब्रांड से बिकने वाले प्लास्टिक के सुंदर और रंग-बिरंगे ब्रांडेड बर्तन बाजार से गायब हो जाएंगे। समाचार है कि वित्तीय संकट अधिक गहरा जाने की वजह से अपनी कुछ सहयोगी कंपनियों के साथ टपरवेयर ब्रांड्स ने चैप्टर-11 के अनुसार दिवालिया संरक्षण के लिए आवेदन किया है।
रिपोर्ट्स के अनुसार, हाल के सालों में बिक्री में गिरावट आने के बाद खाने-पीने का सामान रखने के लिए प्लास्टिक का डिजाइनदार कंटेनर बनाने वाली कंपनी टपरवेयर ब्रांड्स ने चैप्टर-11 के अनुसार दिवालिया घोषित करने के लिए आवेदन किया है। बिक्री घट जाने की वजह से कंपनी ग्राहकों के बीच अपनी लोकप्रियता बनाए रखने के संघष करती दिखाई दे रही है। समाचार एजेंसी रिपोर्ट के अनुसार, बड़ी-बड़ी कंपनियों की चेन टारगेट के साथ साझेदारी के जरिए डिस्ट्रीब्यूशन को बढ़ावा देने के कोशिश में कंपनी विफल साबित हुई है।
प्लास्टिक का डिजाइनदार ब्रांडेड कंटेनर बनाने वाली कंपनी टपरवेयर पूरी दुनिया में द्वितीय विश्वयुद्ध के समय वर्ष 1946 के बाद से ही राज कर रही है। द हिंदू की रिपोर्ट में कहा गया है कि द्वितीय विश्वयुद्ध के समय प्लास्टिक की फैक्ट्री में काम करने वाले केमिस्ट अर्ल टपर को एक सांचा बनाते समय प्लास्टिक का कंटेनर बनाने की प्रेरणा मिली। उन्होंने प्लास्टिक कंटेनर के लिए एक एयरटाइट ढक्कन सील बनाने के मिशन पर काम किया, जो पेंट के डिब्बे पर होती है। इसके पीछे उनका उद्देश्य परिवारों में होने वाली भोजन की बर्बादी और उस पर खर्च होने वाले पैसे बचाने का था। धीरे-धीरे करके उन्होंने टपरवेयर नाम से कंपनी स्थापित की। कंपनी ने 20वीं सदी के मध्य में तेजी से विकास किया। खासकर टपरवेयर पार्टियों के माध्यम से प्रत्यक्ष बिक्री में वृद्धि दर्ज की गई। कंपनी की ओर से पहली बार वर्ष 1948 में स्त्रियों की ओर से अपने दोस्तों और पड़ोसियों को बचे हुए खाने को रखने के लिए ढक्कन वाले कटोरे बेचकर अतिरिक्त आय अर्जित करने के ढंग के रूप में प्रचारित किया गया था।
न्यूयॉर्क में सूचीबद्ध कंपनी टपरवेयर ने 2022 में डगमगाती अपनी अनिश्चित वित्तीय स्थिति के कारण परिचालन जारी रखने की अपनी क्षमता के बारे में चेतावनी जारी की। कंपनी की चेयरमैन और सीईओ लॉरी एन गोल्डमैन ने पिछले कुछ सालों में टपरवेयर के वित्तीय संघर्षों के लिए चुनौतीपूर्ण माइक्रो-इकॉनोमिक वातावरण को उत्तरदायी ठहराया। दरअसल, कोविड-19 महामारी के समय से ही कंपनी की आर्थिक स्थिति कमजोर होती चली गई। पूरी दुनिया समेत अमेरिका के लोग भी घरों में ही दुबके थे। इससे टपरवेयर की बिक्री पर खासा असर पड़ा। गोल्डमैन ने बोला कि यह माइक्रो-इकोनॉमिक माहौल का ही नतीजा है कि हमने कई रणनीतिक विकल्पों की खोज की और निर्धारित किया कि यह आगे बढ़ने का सबसे अच्छा रास्ता है। टपरवेयर अपने ब्रांड की सुरक्षा और डिजिटल-फर्स्ट, प्रौद्योगिकी-संचालित कंपनी में अपने बदलाव को आगे बढ़ाने के लिए बिक्री प्रक्रिया के लिए न्यायालय की स्वीकृति लेने की योजना बना रहा है।
कंपनी के प्रोडक्ट्स की बिक्री में आई गिरावट का नतीजा यह रहा कि स्टॉक मार्केट्स में उसके शेयरों में भारी गिरावट आई। सोमवार 15 सितंबर 2024 को इसका शेयर 0.5099 $ पर कारोबार कर रहा था, जो दिसंबर 2022 में 2.55 $ से काफी कम है। अमेरिका के डेलावेयर जिले के लिए अमेरिकी दिवालिया कोर्ट में दाखिल डॉक्यूमेंट्स टपरवेयर ने 500 मिलियन $ से 1 बिलियन $ तक की संपत्ति और 1 बिलियन $ से 10 बिलियन $ के बीच देनदारियों की जानकारी दी है। डॉक्यूमेंट्स से यह भी पता चलता है कि कंपनी के पास 50,000 से 100,000 तक लेनदार हैं।