टूरिस्ट गाइड वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष दीपक दान ने कहा, " एएसआई (भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण) ने ऐसा कौन सा अध्ययन किया है, जो ये दावा कर रहे हैं कि स्मारक में कोई संरचनात्मक समस्या नहीं है? ताजमहल एक विश्व-प्रसिद्ध स्मारक है, और कोई भी नकारात्मक प्रचार तेजी से फैलता है. इससे देश की छवि को नुकसान पहुंचता है."
एएसआई ने दावा किया कि ताजमहल में "कोई गंभीर संरचनात्मक समस्या" नहीं है. ताजमहल के रखरखाव के लिए ढिलाई, भ्रष्टाचार और धन के कुप्रबंधन के आरोपों को संबोधित करते हुए, एएसआई ने कहा, "ताजमहल के रखरखाव पर खर्च किए गए धन का समय-समय पर ऑडिट किया जाता है. अब तक, इन ऑडिट में कोई चिंता नहीं जताई गई है."
इससे पहले टाइम्स ऑफ इंडिया ने मकबरे के केंद्रीय गुंबद की दीवार पर पौधा उगने को लेकर रिपोर्ट किया था. इसके अलावा एक जगह से बारिश का पानी रिस रहा था, जिसकी बूंदें नीचे मुगल सम्राट शाहजहां और उनकी पत्नी मुमताज महल की कब्रों तक पहुंच रही थीं. इसके बाद ASI ने बयान में कहा था कि "लगातार भारी बारिश के कारण ऐसा हुआ है. उसे ठीक किया जा रहा है. इसके अलावा कोई गंभीर संरचनात्मक समस्या नहीं है.