श्रीलंका के नए राष्ट्रपति अनुरा कुमारा दिसानायके क्या भारत के लिए हैं बड़ा खतरा, जानिए
एबीपी लाइव डेस्क September 23, 2024 10:12 AM

Sri Lanka new President: आर्थिक संकट से जूझ रहे श्रीलंका को नया राष्ट्रपति मिलने वाला है. देश के भीतर हुए राष्ट्रपति पद के चुनाव में इस बार मार्क्सवादी नेता अनुरा कुमारा दिसानायके को भारी बढ़त मिली है. अनुरा कुमारा का अब राष्ट्रपति बनना तय हो गया है. ऐसे में भारत के लिए चिंता बढ़ गई है. जिस तरह से मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू भारत विरोधी अभियान चलाकर सत्ता पर काबिज हुए, कुछ उसी तरह अनुरा कुमारा भी हैं. माना जाता है कि अनुरा कुमारा चीन समर्थक नेता हैं. चुनाव प्रचार अभियान के दौरान उन्होंने जनता से वादा किया है कि वह भारत के साथ चल रहे कई प्रोजेक्ट को बंद कर देंगे. 

दरअसल, भारत के लिए चीन सबसे बड़ी समस्या है. वहीं पड़ोसी देश बांग्लादेश में भी मौजूदा समय में पाकिस्तान समर्थक सरकार बनी है. पाकिस्तान खुद चीन परस्त मुल्क है. इसके अलावा मालदीव में मोहम्मद मुइज्जू की चीन परस्त सरकार बनी है. अब भारत के एक और पड़ोसी देश श्रीलंका में भी मार्क्सवादी सरकार बनने जा रही है. 

श्रीलंका में पहली बार मार्क्सवादी नेता की सरकार
अनुरा कुमारा दिसानायके की पार्टी जनता विमुक्ति पेरेमुना (JVP) ने नेशनल पीपुल्स पावर (NPP) के साथ गठबंधन किया है. इस तरह से अनुरा कुमारा गठबंधन के उम्मीदवार हैं. अनुरा कुमार की पार्टी अर्थव्यवस्था में मजबूत राज्य हस्तक्षेप, कम टैक्स और अधिक बंद बाजार का समर्थन करती है. अनुरा कुमार दिसानायके (55) को जोशीला भाषण देने के लिए जाना जाता है. श्रीलंका के भीतर पहली बार कोई मार्क्सवादी नेता राष्ट्रपति बनने जा रहा है. श्रीलंका में हो रहे चुनाव पर भारत भी नजर लगाए हुए है. दिसानायके चुनाव अभियान के दौरान भारतीय कंपनी अडानी ग्रुप के खिलाफ भी बयानबाजी करते रहे हैं. 

भारत के प्रोजेक्ट को बंद करेंगे दिसानायके
द हिंदू की रिपोर्ट के मुताबिक, वोटिंग से पहले सोमवार को अनुरा कुमारा ने अडानी ग्रुप की परियोजना पवन ऊर्जा को रद्द करने की कसम खाई. एक कार्यक्रम के दौरान उनसे सवाल किया गया था कि अडानी ग्रुप की पवन ऊर्जा क्या श्रीलंका की संप्रभुता के लिए खतरा है? इसपर अनुरा कुमारा ने कहा हां में जवाब दिया. उन्होंने कहा कि निश्चित रूप से वे इस परियोजना को बंद कर देंगे, इससे श्रीलंका की ऊर्जा संप्रभुता को खतरा है. इसके साथ ही साल 1987 से 1990 के बीच दिसानायके की पार्टी भारत के खिलाफ हिंसक विद्रोह कर चुकी है. 

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