बांग्लादेश की अंतरिम गवर्नमेंट के लिए संयुक्त देश संघ की तरफ से राहत भरी समाचार सामने आई है. यूएन की तरफ से बोला गया है कि वह बांग्लादेश की अंतरिम गवर्नमेंट के द्वारा पुलिस और चुनाव सुधारों के लिए उठाए गए कदमों का समर्थन करेगा. बांग्लादेश मं संयुक्त देश के प्रमुख ग्विन लुईस ने यहां के मुख्य सलाहकार मुहम्मद यूनुस से मुलाकात की. दोनों के बीच में सुधार, भ्रष्टाचार, बाढ़, रोहिंग्या संकट और जुलाई-अगस्त के दौरान हुई अत्याचार के संबंध में चर्चा हुई.
डेली स्टार की रिपोर्ट के अनुसार, संयुक्त देश संघ के प्रतिनिधि लुईस ने अंतरिम गवर्नमेंट के द्वारा की गई सुधार की पहलों के लिए अपना समर्थन व्यक्त किया और नोबेल पुरस्कार विजेता यूनुस को इस संकट के समय में उनकी असाधारण किरदार के लिए धन्यवाद किया.
बांग्लादेश में हाल ही में अंतरिम गवर्नमेंट के द्वारा न्यायपालिका, चुनाव प्रणाली, प्रशासन, पुलिस, करप्शन विरोधी आयोग और संविधान में सुधार के लिए छह आयोगों के गठन की घोषणा की गई थी. बांग्लादेश की अंतरिम गवर्नमेंट पर इस समय आर्थिक रूप से काफी दवाब है. अंतरिम गवर्नमेंट लगातार हालात को काबू में करने की प्रयास कर रही है, लेकिन सियासी पार्टियों के बीच में जुबानी जंग जारी है.
इससे पहले, विद्यार्थियों के जबर्दस्त हिंसक प्रदर्शन के कारण बांग्लादेश की तत्कालीन पीएम शेख हसीना को अपना पद छोड़ना पड़ा था. वह सेना के कहने पर तुरन्त त्याग-पत्र देकर एक सैन्य हेलिकॉप्टर पर सवार होकर हिंदुस्तान आ गई थीं. इस तख्तापलट के बाद बांग्लादेशी सेना ने कमान अपने हाथ में ली और विद्यार्थियों से शीघ्र ही अंतरिम गवर्नमेंट के गठन का वादा किया. लगातार बढ़ते दवाब के बीच सभी सियासी पार्टियों और विद्यार्थी समूहों के बीच हुई चर्चा के बाद नोबेल पुरस्कार विजेता मुहम्मद यूनुस को अंतरिम गवर्नमेंट का मुख्य सलाहकार घोषित किया गया. बांग्लादेश में शेख हसीना की पार्टी के लोगों के विरुद्ध जारी अत्याचार को रोकने के लिए गवर्नमेंट को काफी कोशिश करने पड़े.
8 अगस्त को शपथ लेने के बाद से ही यूनुस लगातार बांग्लादेश की हालत को सुधारने के लिए कोशिश कर रहे हैं. लेकिन शेख हसीना के हिंदुस्तान में होने से हिंदुस्तान और बांग्लादेश के संबंधों के बीच में एक अजीब सा तनाव भी देखने को मिला. हसीना के समर्थकों ने इस आंदोलन में अमेरिका का हाथ होने का आरोप लगाया और यूनुस को अमेरिका का एजेंट बताया.