बता दें कि मार्क्सवादी नेता दिसानायके को श्रीलंका के चुनाव आयोग ने राष्ट्रपति चुनाव में विजेता घोषित किया है. मार्क्सवादी जनता विमुक्ति पेरामुना पार्टी के व्यापक मोर्चे नेशनल पीपुल्स पावर (एनपीपी) के नेता दिसानायके ने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी समागी जन बालवेगया (एसजेबी) के साजिथ प्रेमदासा को हराया. मोदी ने ‘एक्स’ पर कहा, “श्रीलंका के राष्ट्रपति चुनाव में जीत के लिए अनुरा कुमारा दिसानायके को बधाई. हिंदुस्तान की पड़ोस प्रथम नीति और विजन सागर में श्रीलंका का विशेष जगह है.” पीएम ने कहा, “मैं अपने लोगों और पूरे क्षेत्र के फायदा के लिए हमारे बहुआयामी योगदान को और मजबूत करने के लिए आपके साथ मिलकर काम करने के लिए उत्सुक हूं.
वह एक वामपंथी नेता हैं. दिसानायके का जन्म श्रीलंका के थम्बुथेगामा में हुआ था. उनकी माता गृहिणी और पिता मजदूर थे. मगर दिसानायके कठिन परिस्थितियों में यूनिवर्सिटी तक शिक्षा हासिल की. अपने विद्यालय के समय में ही वह मार्क्सवादी जनता विमुक्ति पेरामुना पार्टी (जेवीपी) में शामिल हो गए थे. 2004 में वह पहली बार श्रीलंका के तत्कालीन राष्ट्रपति चंद्रिका कुमार तुंगा की गवर्नमेंट में कैबिनेट मंत्री बने. मगर 1 वर्ष बाद ही गवर्नमेंट और लिट्टे के बीच एक समझौते के विरोध में त्याग-पत्र दे दिया. 2014 में जेवीपी के नेता बनने के बाद 2019 में पहली बार राष्ट्रपति चुनाव लड़े. मगर तब केवल 3 प्रतिशत वोट हासिल किया. इस बार 2024 में 53 प्रतिशत से अधिक मत हासिल कर राष्ट्रपति की कुर्सी तक पहुंच गए.