अब इस राज्य में भी दुकान मालिकों को जाहीर करनी होगी अपनी पहचान और नाम
Krati Kashyap September 25, 2024 08:27 PM

मंडी : हिमाचल प्रदेश में अब रेहड़ी-फड़ी वालों के लिए नए गाइड लाइन जारी किए जा रहे हैं, जो यूपी के मॉडल पर आधारित हैं. इसके तहत, सभी रेहड़ी-फड़ी संचालकों एवं बाजारों में खाने-पीने की दुकानों को अपनी पहचान के लिए नाम और आईडी प्रदर्शित करना जरूरी होगा. कैबिनेट मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने जानकारी दी कि अब हर दुकान या फास्ट फूड विक्रेता को अपने आईडी प्रूफ की प्रति दुकान के बाहर लगानी होगी, जिससे ग्राहकों को दुकान के मालिक के बारे में साफ जानकारी मिल सके और किसी भी प्रकार की परेशानी से बचा जा सके.

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वही यह फैसला शहरी विकास और नगर निगम की एक जरूरी बैठक में लिया गया, जो मंगलवार को आयोजित की गई थी. बैठक में यह तय किया गया कि बाजारों में नियमानुसार काम करने वाले सभी छोटे विक्रेताओं की पहचान साफ होनी चाहिए. यह कदम न केवल प्रशासन के लिए पारदर्शिता लाने में सहायता करेगा, बल्कि आम जनता को भी राहत मिलेगी, क्योंकि उन्हें दुकानदार की जानकारी सरलता से मिल सकेगी. इसके साथ ही, हिमाचल प्रदेश में रेहड़ी-फड़ी संचालकों के लिए एक पॉलिसी बनाने का भी फैसला लिया गया है. इसके लिए विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया ने एक विशेष कमेटी का गठन किया है, जिसकी अध्यक्षता उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान करेंगे. इस कमेटी में 7 सदस्य शामिल किए गए हैं, जिनमें कैबिनेट मंत्री विक्रमादित्य सिंह, मंत्री अनिरुद्ध सिंह, और अन्य प्रमुख लोग भी शामिल हैं.

कमेटी की पहली बैठक सचिवालय में मंगलवार को हुई, जहां विभिन्न जरूरी विषयों पर चर्चा की गई. इस बैठक में तहबाजारी और रेहड़ी-फड़ी संचालकों के लिए नियमों और नीतियों को लेकर व्यापक चर्चा की गई. यह सुनिश्चित किया गया कि इन छोटे व्यवसायों को सुव्यवस्थित ढंग से संचालित करने के लिए जरूरी कदम उठाए जाएं, ताकि बाजारों में अव्यवस्था न फैले और सभी विक्रेता एक समान नियमों का पालन करें. कैबिनेट मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने कहा, “हिमाचल प्रदेश में तहबाजारियों के लिए कानून बनाए जाएंगे, जो छोटे व्यवसायियों के लिए सहायक साबित होंगे. यूपी की तर्ज पर हिमाचल प्रदेश में भी तहबाजारियों को अपना नाम और आईडी प्रूफ प्रदर्शित करना जरूरी होगा.” इस कदम का उद्देश्य यह है कि बाजारों में अनुशासन और पारदर्शिता हो, साथ ही छोटे व्यवसायियों को सरकारी दस्तावेजों के माध्यम से पहचान भी मिले. इसके अलावा, राज्य गवर्नमेंट सभी तहबाजारियों को आई कार्ड भी जारी करेगी, ताकि उनकी गतिविधियों की बेहतर नज़र की जा सके.

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