गुमशुदा की तलाश के पोस्टर और अखबारों में विज्ञापन हमने देखें हैं, इन्हीं को आधार बनाकर कई फिल्में भी बनाई गई जिनमें से एक को हाल ही में भारत की ओर से ऑस्कर के लिए नॉमिनेट किया गया, वो है 'लापता लेडीज़'! इसकी कहानी समझी और परखी तो पता लगा कि गंभीर संदेश को भी मज़ाकिया अंदाज़ में पेश किया जा सकता है। फिर हमने उन फिल्मों पर नज़र डाली जिनमें लॉस्ट एंड फाउंड की थीम है। चलिए आपको बताएं ऐसी कुछ फिल्मों के बारे में .......!
Jio Studios, Aamir Khan Productions, and Kindling Productions
फिल्म के नाम से मोटे तौर पर यह अंदाज़ा लगाया जा सकता है कि यह किसी के लापता होने की कहानी है। दो नवविवाहित महिलाएं जिन्हें ससुराल जाना था, घूंघट की आड़ में भटक जाती हैं। एक के लिए यह किसी त्रासदी से कम नहीं तो दूसरी इसे सुनहरा मौका मानती है! जो भी हो कहानी शानदार है!
Red Chillies Entertainment
बेटा अपने पिता (आर्मी अफसर) की छत्रछाया से वंचित रहता है क्योंकि उसको लगता है कि वे इस दुनिया में नहीं हैं। आखिरकार अपने पिता को देशभक्त साबित करने में जुटे आज़ाद की मुलाकात 30 साल बाद हो जाती है।
Pictureshuru Entertainment and Walt Disney Pictures
जग्गा अपने मुंह बोले पिता बादल बागची की तलाश में है और पूरी कहानी इसी के इर्द-गिर्द घूमती नज़र आती है। वैसे फिल्म इतनी खास नहीं क्योंकि यह दर्शकों पर अपना जादू करने में कामयाब नहीं हो पाई।
Eros Worldwide, Eruk Films, Kabir Khan Films, Rockline Entertainment, and Rough Copy Films
बजरंगी भाईजान न केवल मुन्नी को उसके परिवार से मिलाने का मिशन है बल्कि यह दो देशों के बीच की खटास भी कुछ हद तक करने में कामयाब रही है।
Lucky Star Entertainment and Twentieth Century Fox
साल 2003 की यह फिल्म विभाजन की दुःख भरी कहानी बतलाती है। जहां एक तरफ पूरो और रामचंद की बहन को दुश्मनी के चलते अगवा किया जाता है तो वहीं दूसरी तरफ यह फिल्म नफरत के माहौल में दो धर्मों के बीच प्रेम, करुणा और अपनेपन को खूबसूरती से पेश करती है।
Vijaya International
अपने टॉर्चर करने वाले बहनोई के चंगुल से फरार रामचंद्र को पता भी नहीं था कि उसका हमशक्ल भी है। कहानी में ट्विस्ट तब आता है जब उसका हमशक्ल श्यामराव बहनोई को मज़ा चखाता है।
NH Studioz
दो जुड़वा बहनों की यह कहानी भी लॉस्ट एंड फाउंड की थीम पर आधारित है। जन्म के समय एक यानी गीता को चोरी से रख लिया जाता है जबकि दूसरी यानी सीता अपने असली माता-पिता के साथ लौट जाती है। यहीं से कहानी में नया मोड़ आता है।
Hirawat Jain and Company M.K.D. Films Combine Manmohan Films
तीन बच्चों के साथ कुदरत ऐसा खेल खेलती है कि वह अपने माता पिता से बिछड़ जाते हैं और तीन अलग अलग व्यक्ति द्वारा पाले जाते हैं। इनके नाम से ही यह बात स्पष्ट हो रही है।
S.S. Movietone
एक मां की कोख से जन्मे दो जुड़वा बच्चे जिनमें से एक लोहार के यहां पलता है और दूसरा राजा बन शान से जीता है। लगता है बॉलीवुड को जुड़वा बच्चों के खोने से एक अलग लेवल का ऑब्सेशन है!
Nasir Hussain Films
इस फिल्म में जुड़वा की कहानी नहीं बल्कि तीन बिछड़े भाइयों की कहानी है, जो बड़े होने के बाद कई दफा एक दूसरे से मिलते हैं पर इस बात से अनजान रहते हैं कि वे तीनों भाई-भाई हैं।