Dwarka Expressway: द्वारका एक्सप्रेसवे को कई तरह की आधुनिक सुविधाओं के साथ बनाया गया है. इसे दिल्ली एनसीआर में ट्रैफिक सिस्टम को सुधारने के लिए डेवलप किया गया है. यह मॉडर्न रोड देश का पहला बिना टोल प्लाजा का एक्सप्रेसवे बनने जा रहा है. इसे फ्री फ्लो टोलिंग (Free Flow Tolling) सिस्टम का नाम दिया गया है. यहां फास्टैग (FASTag) और कैमरों की मदद से ऑटोमेटिक टोल काट लिया जाएगा. इसकी मदद से द्वारका एक्सप्रेसवे (Dwarka Expressway) पर जाम की समस्या भी नहीं होगी.
नेशनल हाइवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (NHAI) ने इस सिस्टम को लागू करने की पूरी तैयारी कर ली है. इसे आने वाले कुछ महीनों में लागू कर दिया जाएगा. फ्री फ्लो टोलिंग सिस्टम की मदद से करीब 29 किमी लंबे इस हाइवे पर कहीं भी टोल प्लाजा बनाने की जरूरत नहीं पड़ेगी. यहां लगे हाई पावर कैमरे 100 किमी प्रति घंटा की स्पीड पर भी गाड़ियों में लगे फास्टैग को पढ़ लिया करेंगे. इसकी मदद से टोल भी काट लिया जाया करेगा. दावा किया जा रहा है कि यह फ्री फ्लो टोलिंग सिस्टम देश में सैटलाइट आधारित टोल कलेक्शन के लिए भी आधार बन सकता है.
फिलहाल सभी एक्सप्रेसवे पर टोल प्लाजा बनाए गए हैं. यहां पर फास्टैग की मदद से टोल कलेक्शन किया जाता है. फिलहाल इस द्वारका एक्सप्रेसवे पर टोल रेट तय नहीं किए गए हैं. द्वारका एक्सप्रेसवे के लिए दिल्ली-गुरुग्राम बॉर्डर पर सिस्टम लगाया जाएगा. इसके अलावा एनएचएआई ने सड़क एवं परिवहन मंत्रालय (Road Transport Ministry) से वाहन सिस्टम (Vahan System) में भी बदलाव की मांग की है ताकि भुगतान न किए गए टोल की रिकवरी की जा सके.
द्वारका एक्सप्रेसवे करीब 29 किमी लंबा है. इसे बनाने पर लगभग 9,000 करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं. इसे देश का पहला एलीवेटेड अर्बन एक्सप्रेसवे कहा जाता है. इसमें 4 लेवल बनाए गए हैं. इसमें टनल अंडरपास, सड़क, एलीवेडेट प्लाईओवर और फ्लाईओवर के ऊपर फ्लाईओवर बनाए गए हैं. देश का पहला 9 किमी का 8 लेन का फ्लाईओवर और 6 लेन की सर्विस रोड भी इस एक्सप्रेसवे का हिस्सा है. दिल्ली में इसका दायरा 10.1 किमी होगा. यह देश का पहला एक्सप्रेसवे होगा, जो कि सिंगल पिलर पर बनाया गया है.
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