दुनिया पर कहर बनकर टूटेगा मारबर्ग वायरस, कोरोना और मंकीपॉक्स से भी खतरनाक
कोमल पांडे October 02, 2024 10:12 AM

Marburg Virus: कोविड और मंकी वायरस जैसे वायरस के कहर से अब तक दुनिया अब तक पूरी तरह उभर नहीं पाई है. और, अब इस बीच एक नया वायरस कहर बरपाने को तैयार हो गया है. ये वायरस है मारबर्ग वायरस. जो एक बार फिर लोगों के बीच दहशत का सबब बन गया है.

इस वायरस की वजह से घाना में दो लोगों की मौत की खबर भी सामने आ चुकी है. जिसके बाद घाना के उस इलाके के लोगों को आइसोलेट भी कर दिया गया. मारबर्ग वायरस के बढ़ते खतरे के बीच ये जरूरी हो गया है कि आप इस वायरस को समझें और इस से बचने के तरीके अपनाने शुरू कर दें.

क्या है मारबर्ग वायरस और बचाव के उपाय?| What Is Marburg Virus And Its Prevention

मारबर्ग वायरस को समझें

जिस वक्त कोरोना फैला था उस वक्त भी ये खबरें आईं थीं कि ये वायरस चमगादड़ की वजह से फैल रहा है. मारबर्ग वायरस भी ऐसा ही वायरस बताया जा रहा है जो चमगादड़ों की वजह से होता है. जानवर से इंसानों में आने के बाद अब ये वायरस इंसानों से इंसान में फैल रहा है. ये वायरस भी इबोला परिवार का ही मेंबर माना जा रहा है. लेकिन इबोला की तुलना में इसका इंफेक्शन ज्यादा तेजी से फैलता है. वायरस पहली बार 1967 में मिला था. तब इसके केसेस जर्मनी के मारबर्ग और फ्रैंकफर्ट में मिले थे.

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ऐसे पहचानें मारबर्ग वायरस

मारबर्ग वायरस के लक्षण आम वायरल इंफेक्शन जैसे ही दिखना शुरू होते हैं. यानि इसके पीड़ित को ठंड लगती है, बुखार आता है और सिरदर्द भी हो सकता है. 2 से 21 दिन के बाद इस वायरस के लक्षण दिखना शुरू होते हैं. जो जानलेवा भी हो सकते हैं.

ऐसे फैलता है मारबर्ग वायरस

ये वायरस ज्यादातर पीड़ित के शरीर से निकलने वाले तरल पदार्थ की वजह से फैलता है. मसलन पीड़ित का पसीना, लार, उल्टी, यूरिन या बलगम के संपर्क में आने पर दूसरे व्यक्ति को ये वायरस अपनी चपेट में ले सकता है. अगर कोई व्यक्ति पीड़ित व्यक्ति के बेड या कपड़ों के संपर्क में आता है तो उसे भी मारबर्ग वायरस के इंफेक्शन का खतरा बढ़ जाता है.

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इस तरह करें बचाव

अगर कोई व्यक्ति इस वायरस की चपेट में आ चुका है तो उसे अपना शरीर पूरी तरह हाईड्रेट रखने पर जोर देना चाहिए. इस के लिए लिक्विड डाइट लेना और इलेक्ट्रॉलाइट्ज को ज्यादा से ज्यादा कंज्यूम करना जरूरी है.

मारबर्ग वायरस से बचाव के लिए भी खुद को हाइड्रेट रखने और इलेक्ट्रॉलाइट बैलेंस की टिप को अपनाना जरूरी है. इस के अलावा यदि कोई संक्रमित व्यक्ति आप के आसपास है तो उससे दूरी बरतें.

संक्रमित व्यक्ति के आसपास होने पर ग्लव्स जरूर पहनें और मास्क भी लगाएं.

पीड़ित व्यक्ति को जल्दी से जल्दी क्वारंटाइन कर इलाज शुरू करवाएं.

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