जानें कैसे, लाखों लोगों की जिंदगियाँ बचाने वाले ऑक्सीजन सिलेंडर ने ले ली मरीज की जान…
Krati Kashyap October 02, 2024 08:27 PM

झारखंड के हजारीबाग का शेख भिखारी मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल बदहाली की हालत में पहुंच गया है. जहां से पहले चिकित्सक की कमी, लंबी लाइन, दवा का अभाव, खराब उपचार जैसी खबरें आती थीं, अब वहीं से दंग करने वाला मुद्दा भी सामने आया है. यहां हाल ही में एक रोगी की मृत्यु ऑक्सीजन की कमी से हो गई, जबकि हॉस्पिटल में ऑक्सीजन प्लांट भी लगाया गया था. लेकिन, 11 महीने से दो ऑक्सीजन प्लांट बंद हैं.

दरअसल, हजारीबाग के ग्वालटोली चौक के रहने वाले कालीचरण गोप सड़क हादसा में घायल हो गए, जिसके बाद उन्हें शीघ्र में शेख भिखारी मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल लाया गया. यहां ऑक्सीजन के कमी से उनकी मृत्यु हो गई. इस मुद्दे को लेकर मृतक कालीचरण गोप के भाई उमेश गोप ने सदर पुलिस स्टेशन में आवेदन भी दिया है. यह मुद्दा इसलिए भी गंभीर है, क्योंकि हॉस्पिटल प्रशासन की एक बड़ी ढिलाई यहां देखने को मिली.

लगाए गए 3 सिलेंडर, तीनों खाली
इस संबंध में मृतक कालीचरण गोप के भाई उमेश गोप ने कहा कि उनके भाई 26 सितंबर को हजारीबाग के हुरहुरू रोड पर अनियंत्रित पिकअप वैन की चपेट में आने से गंभीर रूप से घायल हो गए थे. उन्हें तुरंत शेख भिखारी मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल ले जाया गया. भाई को गंभीर चोटें आई थीं. उन्हें सांस लेने में कठिनाई हो रही थी. डॉक्टरों को सूचित करने के बाद ऑक्सीजन सिलेंडर लगाया गया. इल्जाम है कि ऑक्सीजन सिलेंडर खाली था. इसी प्रकार तीन सिलेंडर लगाए गए, सभी खाली निकले. अंततः ऑक्सीजन न मिलने के कारण उनके भाई की मृत्यु हो गई.

‘मरीजों को दे रहे झूठी दिलासा’
इस संबंध में हजारीबाग के इंद्रपुरी रहने वाले देवेंद्र सिंह देव बताते हैं कि शेख भिखारी मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल में ऐसे कई मुद्दे सामने आते रहते हैं. यह हॉस्पिटल बदहाली का दंश झेल रहा है. स्टाफ को ये तक पता नहीं कि कौन सा ऑक्सीजन सिलेंडर खाली है और कौन सा भरा. न जाने प्रतिदिन कितने रोगियों को खाली सिलेंडर लगाकर दिलासा देते होंगे.

अस्पताल प्रशासन की सुनिए…
वहीं, शेख भिखारी मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल के अधीक्षक डाक्टर अनुकरण पूर्ति का बोलना है कि मुद्दा उनके संज्ञान में आया है. इस पर जांच की जा रही है. कैसे खाली सिलेंडर रोगी को लगाया गया. जांच के उपरांत कार्रवाई की जाएगी. साथ ही निर्देश दिया कि कोई भी सिलेंडर जब खाली हो, उसे यथाशीघ्र भर दिया जाए.

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