Paanchvi Navratri Ki Katha In Hindi, Puja Vidhi: नवरात्रि का पांचवां दिन, करें स्कंदमाता की पूजा, जान लें आरती, मंत्र, कथा समेत सारी जानकारी
Times Now Navbharat October 07, 2024 07:42 PM

Navratri 2024 5th Day Maa Skandamata Katha, Aarti, Puja Vidhi, Mantra, Bhaog, Chalisa, Mata Skandamata ki Puja kaise kare (मां स्कंदमाता आरती लिरिक्स, चालीसा, स्त्रोत, भोग): नवरात्रि के पांचवें दिन मां स्कंदमाता की पूजा की जाती है। देवी दुर्गा के इस स्वरूप का अर्थ है भगवान कार्तिकेय की मां। दरअसल कार्तिकेय जी का एक नाम स्कंद भी है। स्कंदमाता की चार भुजाएं हैं। इनके दो हाथों में कमल है और एक हाथ से माता अपने पुत्र कार्तिकेय को पकड़ी हुई हैं। तो वहीं इनका एक हाथ अभय मुद्रा में है। कहा जाता है कि माता के इस स्वरूप की पूजा करने से सुख और ऐश्वर्य की प्राप्ति होती है। चलिए जानते हैं स्कंदमाता की पूजा विधि, कथा, आरती, मंत्र और भोग के बारे में।


मां स्कंदमाता की कथा (Navratri Day 5 Vrat Katha)
मां स्कंदमाता से जुड़ी प्राचीन कथा के अनुसार एक बार तारकासुर नामक राक्षस का आतंक बहुत ज्यादा बढ़ गया था। लेकिन कोई भी इस असुर का अंत नहीं कर पा रहा था। क्योंकि इस राक्षस का वध भगवान शिव के पुत्र कार्तिकेय के हाथों ही मुमकिन था। इसके बाद भगवान शिव और माता पार्वती का विवाह हुआ और उनके पुत्र का जन्म हुआ जिनका नाम कार्तिकेय रखा गया। फिर माता पार्वती ने अपने पुत्र स्कन्द यानि कार्तिकेय भगवान को तारकासुर से युद्ध लड़ने के लिए प्रशिक्षित करने हेतु स्कंदमाता का रूप धारण किया। इसके बाद कार्तिकेय जी ने राक्षस तारकासुर का वध किया।

स्कंदमाता की पूजा विधि (Navratri Day 5 Puja Vidhi)
  • मां स्कंदमाता या पार्वती माता की मूर्ति, फोटो या प्रतिमा को गंगा जल से पवित्र करें।
  • उनहें कुमकुम, अक्षत, फूल, फल आदि अर्पित करें।
  • इसके बाद फल और मिठाई का भोग लगाएं।
  • माता के समक्ष घी का दीपक जलाएं।
  • फिर माता के मंत्रों का जाप करें। फिर माता की कथा पढ़ें या सुनें।
  • अंत में आपकी कर पूजा संपन्न करें।
नवरात्रि के पांचवें दिन का रंग (Navratri Day 5 Colour)
नवरात्रि के पांचवें दिन का शुभ रंग नीला है। कहते हैं इस दिन स्कंदमाता की पूजा नीले रंग के कपड़े पहनकर करनी चाहिए।
स्कंदमाता की आरती (Navratri Day 5 Aarti)
जय तेरी हो स्कंद माता।
पांचवां नाम तुम्हारा आता॥
सबके मन की जानन हारी।
जग जननी सबकी महतारी॥
तेरी जोत जलाता रहू मैं।
हरदम तुझे ध्याता रहू मै॥
कई नामों से तुझे पुकारा।
मुझे एक है तेरा सहारा॥
कही पहाडो पर है डेरा।
कई शहरों में तेरा बसेरा॥
हर मंदिर में तेरे नजारे।
गुण गाए तेरे भक्त प्यारे॥
भक्ति अपनी मुझे दिला दो।
शक्ति मेरी बिगड़ी बना दो॥
इंद्र आदि देवता मिल सारे।
करे पुकार तुम्हारे द्वारे॥
दुष्ट दैत्य जब चढ़ कर आए।
तू ही खंडा हाथ उठाए॥
दासों को सदा बचाने आयी।
भक्त की आस पुजाने आयी॥

मां स्कंदमाता भोग (Navratri 5 Day Bhog)
नवरात्रि के पांचवें दिन की देवी मां स्कंदमाता को पीले रंग की वस्तुएं अति प्रिय हैं। इसलिए माता को पीले रंग के फल और मिठाई का भोग जरूर लगाना चाहिए। इसके अलावा आप केसर की खीर का भोग भी लगा सकते हैं।

मां स्कंदमाता का पूजा मंत्र (Navratri 5 Day Puja Mantra)
-ॐ देवी स्कन्दमातायै नमः॥
-या देवी सर्वभूतेषु माँ स्कन्दमाता रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥
-ॐ स्कंदमात्रै नमः

मां स्कंदमाता का स्वरूप (Maa Skandamata Ka Swaroop)
मां स्कंदमाता की चार भुजाएं हैं। उनके गोद में स्कन्द अर्थात कार्तिकेय भगवान विराजमान हैं। कमल के फूल पर आसन होने के कारण इन्हें पद्मासना भी कहा जाता है। कहते हैं जो भक्त सच्चे मन से स्कंदमाता की पूजा करता है उसका ज्ञान बढ़ता है। माता सिंह यानी शेर पर सवारी करती हैं।

मां स्कंदमाता की पूजा का महत्व (Navratri Day 5 Puja Mahatva)
मां स्कंदमाता की पूजा से व्यक्ति की बुद्धि का विकास होता है। कहा जाता है कि जो कोई भी भक्त संतान हीन है उन्हें भी नवरात्रि के पांचवें दिन का व्रत जरूर करना चाहिए। ऐसी मान्यता है कि मां स्कंदमाता की पूजा से सूनी गोद जल्दी भर जाती है।
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