नीतीश कुमार की गवर्नमेंट लगभग पिछले 20 दिनों से बाढ़ से प्रभावित जिलों में राहत पहुंचाने में लगी हुई है। बिहार के 16 जिलों में कोसी, गंडक, गंगा, कमला समेत कई नदियों ने कहर मचाया हुआ है। वहीं, सुपौल जिले में कोसी नदी के जलस्तर में लगातार गिरावट आई है। अब बाढ़ पीड़ित सहित सभी ऑफिसरों ने राहत की सांस ली। सुपौल के जिलाधिकारी कौशल कुमार ने कहा कि कोसी बराज का वाटर लेवल मंगलवार 10 बजे दिन में लगभग 97 क्यूसेक छोड़ा गया है। इसके अतिरिक्त पड़ोसी राष्ट्र नेपाल के बराह क्षेत्र का 69 हजार क्यूसेक डिस्चार्ज रिकॉर्ड किया गया। इस वजह से दोनों जगहों पर जलस्तर में कमी आ रही है।
दुर्गा पूजा के बीच कल यानी 9 अक्टूबर को 25592 बाढ़ पीड़ित परिवारों को सात हजार रुपए की राशि डायरेक्ट उनके बैंक खाते में दी जाएगी। बता दें कि कोसी नदी के जलस्तर बढ़ने के कारण बीते दिनों सैकड़ों घर बह गए गए। इसके अतिरिक्त कई तटबंध, सड़क और पुलिया भी बाढ़ ने बहा दिया। विवश होकर ग्रामीणों को नाव के सहारे आवाजाही करनी पड़ रही है।
मंत्री मदन सहनी ने बोला था कि बाढ़ के समय पहले 25 किलो अनाज के लिए लोग गोली खाते थे। आज इसी बिहार में बाढ़ पीड़ितों को एक-एक क्विंटल अनाज मिल रहा है। जिसके कारण सीएम को क्विंटलिया बाबा तक लोग कहने लगे। मंत्री ने कहा कि पहले 6 हजार रुपए बाढ़ पीड़ितों को मिलता था। लेकिन अब 7 हजार रुपए दिया जा रहा है। 25 हजार से अधिक लोगों को यहां चिन्हित किया गया है। दशहरा से पहले पटना से ये पैसा सबके खाते में आ जाएगा।