Ritu Pathak: मुम्बई फिल्म इंडस्ट्री की चर्चित प्लेबैक सिंगर ऋतु पाठक मंगलवार को पटना पहुंची थी। वह प्रभात समाचार द्वारा आयोजित डांडिया उत्सव में अपनी प्रस्तुति देने आई थीं। इससे पहले उन्होंने प्रभात समाचार से विशेष वार्ता की। जिसमें उन्होंने कहा कि बिहार आना मुझे काफी अच्छा लगता है। मौका मिलेगा तो मैं जरूर भोजपुरी के लिए काम करना चाहुंगी। भोजपुरी गानों की प्रस्तुति देना अच्छा लगता है। उन्होंने कहा कि भोजपुरी गायक और अदाकार पवन सिंह के साथ प्रोजेक्ट के लिए बात भी हुई है। बिहार से मुझे प्यार है। यहां का मशहूर लिट्टी चोखा भी मुझे पसंद है। दो वर्ष पहले भी मैं पटना आई थी। पटनदेवी मंदिर में मां का दर्शन किया।
प्रश्न: आज आप प्रस्तुति देने पटना पहुंची हैं, आप कितना उत्सुक हैं?
उत्तर: बहुत अच्छा लग रहा है। बिहार आती हूं तो किसी टेंपल में आने जैसा मुझे लगता है। एक्साइटमेंट लेवल बहुत बढ़ गया है। जब स्टेज पर चढ़ूंगी तो दर्शकों का उत्साह देखकर और भी अधिक खुशी होगी।
प्रश्न: बचपन से ही आप सिंगर बनना चाहती थी, या कुछ और?
उत्तर: मुझे एक्टिंग करने का बहुत शौक है। मैं अभिनय भी बहुत अच्छी करती हूं और मुझे बचपन से अभिनय करने का शौक था। सोची थी कि अभिनेता बनूं। लेकिन, डेस्टनी में सिंगर बनना लिखा था। अवसर भी एक्टिंग के लिए मिले। लेकिन, संगीत में इतना घुल-मिल गयी कि इसके लिए समय नहीं दे सकी। यदि भविष्य में कुछ अच्छे प्रोजेक्ट्स आएंगे तो जरूर करूंगी।
प्रश्न: आप बेहतरीन कंपोजर के साथ काम की, जिन फिल्मों के गानों में अपनी आवाज दी वह सुपरहिट रहे। लेकिन, वर्ष 2015 के बाद चर्चा कम हुई?
उत्तर: मेरा पहला गाना ‘पप्पा जग जाएगा’ था। इसे फिल्म हाउसफुल के लिए गायी थी। इसके बाद जलेबी बाइ।।, राधा नाचेगी।।, गंदी बात, आदि। ये सभी लोगों की जुबां पर अभी भी है। 2016 के बाद भी आते रहे। फिल्मों के लिए भी गा रही हूं। लेकिन, जो क्लिक उन गानों से मिला वैसा रिस्पांस नहीं हैं। हालांकि, टाइम एक जैसा नहीं होता है। कभी भी आ सकता है। हर एक सिंगर के पीछे अभिनेता छिपा होता है।
प्रश्न: आपके फेवरेट सिंगर कौन हैं, किसे अपना आइडल मानती हैं?
उत्तर: मेरे आइडल लता जी हैं। बचपन से ही उनके गाने सुनकर काफी कुछ सीखा है। वहीं, फेवरेट सिंगर अरिजीत सिंह और सोनू निगम हैं। सोनू निगम का मैं काफी सम्मान करती हूं। मैंने यह बात भारतीय आइडल में भी बोली थी।
प्रश्न: सिंगिंग रियलिटी शो में आप गयी, यह कितना लाभ वाला रहा आपके करियर को धार देने में?
उत्तर: वह बस छोटा क्लिक था। अच्छा प्रोत्साहन मिला। हालांकि, भारतीय आइडल के टॉप पर नहीं पहुंच पाई थी। पियानो राउंड में निकल जाना पड़ा। लेकिन, सिंगर्स के लिए काफी अच्छा है। प्लेटफॉर्म मिलता है। मैं बहुत छोटे गांव से ताल्लुक रखती हुं। गोपालगंज (मप्र) की रहने वाली हूं, जो शिवनी जिला में आता है। हालांकि, पैतृक गांव उत्तर प्रदेश में है।
प्रश्न: पहले फिल्मों में गाने को ही कामयाबी का पैमाना माना जाता था, लेकिन अब आर्टिस्ट सोशल मीडिया पर भी हैं, पर आप सक्रिय नहीं हो, कोई खास वजह?
उत्तर: सोशल मीडिया पर सक्रिय रहने में मैं काफी पीछे रह गयी हूं। लेकिन, सोशल मीडिया से भी कई लोग स्टार बन गये। लेकिन, मैं अपनी नीजि कारणों से नहीं हूं। परिवार के बीच समय बिताना पसंद करती हूं। क्योंकि, बचपन से ही मैं बाहर ही रही हूं। 4 वर्ष की उम्र से ही काम कर रही हूं। इसके लिए बचपन से इमोशन तक सबकुछ गंवा दी।
प्रश्न: बिहार के लोक गायन और कल्चर के बारे में आपके क्या विचार हैं?
उत्तर: हंसते हुए. यहां ‘जब लगावे लु लिपिस्टिक।।’ बहुत फेमस है न। इसे मैंने रांची कांसर्ट में गायी तो दर्शकों का उत्साह देखने लायक था। मैं भोजपुरी में अपनी प्रस्तुति देना काफी पसंद करती हूं। पवन सिंह के साथ प्रोजेक्ट्स आने को लेकर बात चल रही है।
प्रश्न: युवा संगीतकारों के लिए आपके क्या सुझाव होंगे और आपके अपकमिंग प्रोजेक्ट्स क्या हैं?
उत्तर: सभी नये संगीतकार अपने करियर को बनाने के लिए ही आए हैं। लेकिन, डिपेंड करता है कि आप में जज्बा और डेडिकेशन कितना है। इतने जगहों पर जाती हूं। काफी लोगों को सुनती हूं। टैलेंट की कमी नहीं है। लेकिन, इसे तराशने के लिए लोग और प्लेटफार्म भी होने चाहिए। फैमली का सपोर्ट और भगवान का आशीर्वाद रहे तो जरूर कामयाबी मिलेगी। मेरे अपकमिंग में कई प्रोजेक्ट्स है। इसमें फिल्म जिला हाथरस और अन्य फिल्मों में सॉन्ग और कुछ एलबम आने वाली है।