मंडी सूत्रों के अनुसार नागौर मंडी में पिछले सात-आठ दिन से छह हजार क्विंटल से अधिक की आवक हो रही है, प्रति क्विंटल 1 हजार से 1500 रुपए का नुकसान होने से प्रतिदिन किसानों को अकेले नागौर मंडी में बिकने वाले मूंग से 60 से 70 लाख का नुकसान हो रहा है। इसके बावजूद सरकार ने एमएसपी पर मूंग खरीद के लिए रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया तक शुरू नहीं की है, जबकि किसान आए दिन भाजपा नेताओं एवं मंत्रियों को ज्ञापन देकर समय पर मूंग खरीद शुरू करने की मांग कर रहे हैं।
हर बार लेटलतीफी, योजना पर फिर रहा पानी
एमएसपी पर मूंग की खरीद में पिछले कुछ वर्षों से राज्य सरकार की ओर से लेटलतीफी की जा रही है। इसके चलते किसानों को कम दाम पर मूंग मंडी में बेचना पड़ता है। पिछले साल तक भाजपा नेता राज्य की कांग्रेस सरकार पर देरी का आरोप लगाते थे, लेकिन इस बार केन्द्र व राज्य दोनों जगह भाजपा की सरकार है, इसके बावजूद मूंग खरीद समय पर शुरू नहीं हो पाई है। गौरतलब है कि मूंग की कटाई करीब 20 दिन पहले शुरू हो गई और पिछले 15 दिन से मंडी में नया मूंग बेचने के लिए लाया जा रहा है। किसानों का कहना है कि यदि सरकार समय पर मूंग की खरीद शुरू कर दे तो मंडी में भी भाव सुधर जाएंगे अन्यथा किसानों को मजबूरन मंडी में कम भाव में मूंग बेचना पड़ता है। नागौर मंडी में एक अक्टूबर को जहां करीब 3100 क्विंटल मूंग की आवक हुई, वहीं 7 अक्टूबर को 6653 क्विंटल मूंग आया। यानी सात दिन में दुगुनी से ज्यादा आवक बढ़ गई। आने वाले दिनों में आवक की मात्रा और बढ़ने की संभावना है।