यरूशलम: इजरायल की सेना ने फिलिस्तीनी आतंकवादी संगठन हमास के वरिष्ठ आतंकवादी नेता याह्या सिनवार को मार गिराने की पुष्टि की है. यह समाचार सुनते ही इजरायल के लोगों में उत्सव का माहौल बन गया और खुशी के आंसू छलक पड़े. सोशल मीडिया पर इजरायली शख़्सियतों और आम जनता ने पोस्ट करके अपनी भावनाओं का इजहार किया. इस आतंकवादी के कारण पिछले 20 वर्षों में हुए दर्द और हमलों की घटनाएं लोगों के मन में ताजा हो गईं. इजरायल की सेना की इस कार्रवाई की प्रशंसा की जा रही है, और देशभर से उन्हें बधाइयां दी जा रही हैं.
प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने इस ऑपरेशन की पुष्टि करते हुए बोला कि याह्या सिनवार को मार गिराया गया है. उन्होंने बोला कि इजरायल पर धावा करने वाले हर आतंकवादी का यही अंजाम होगा. नेतन्याहू ने साफ किया कि इजरायल के दुश्मनों की कहीं भी छिपने की कोई स्थान नहीं होगी; इजरायली सेना हर स्थान पहुंच कर ऐसे आतंकवादियों का सफाया करेगी. हालांकि, अब प्रश्न यह उठ रहा है कि क्या सिनवार के मारे जाने के बाद हमास द्वारा बंधक बनाए गए लोगों की रिहाई संभव हो पाएगी. याह्या सिनवार को इजरायल के लोगों में खौफ का प्रतीक माना जाता था. यरुशलम पोस्ट की रिपोर्ट के अनुसार, सिनवार ने इजरायल के लोगों को असहनीय दर्द दिया था. 7 अक्टूबर को इजरायल पर हुए हमले का आदेश भी उसी ने दिया था, और इसीलिए उसकी मृत्यु की पुष्टि स्वयं पीएम नेतन्याहू ने की. इसके अलावा, उन्होंने अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन और 12 अन्य राष्ट्रों के नेताओं को भी इस ऑपरेशन की जानकारी दी.
स्पेन में इजरायल के प्रतिनिधि डैन पोराज ने सोशल मीडिया पर लिखा कि यह वही आदमी था जिसने लाखों लोगों को दुख दिया और यहूदियों के नरसंहार का मास्टरमाइंड था, आख़िरकार नर्क में गया. अमेरिकी नेता रिची टोरेस ने लिखा कि दुनिया ने एक घातक आतंकवादी से छुटकारा पा लिया है, जो यहूदी लोगों के विरुद्ध सबसे बड़े नरसंहार का गुनहगार था. वहीं, माइक मैककॉल ने बोला कि इजरायल को तबाह करने का सपना देखने वाला एक पागल आतंकवादी मारा गया है. सिनवार पिछले एक वर्ष से गाजा में छिपा हुआ था. वह सुरंगों और बंकरों के माध्यम से बार-बार अपनी स्थान बदलता रहता था, जिससे उसकी ठीक लोकेशन का पता लगाना कठिन हो रहा था. इजरायली सेना ने गाजा की सैकड़ों सुरंगों पर हमले किए, लेकिन वह पकड़ में नहीं आ रहा था. अंततः एक घर पर हवाई हमले के दौरान सिनवार मारा गया. यह वही आदमी था जिसकी वजह से इजरायल और हमास के बीच कोई समझौता नहीं हो पा रहा था. वह बंधकों की रिहाई के लिए एकदम भी तैयार नहीं था. अब उसके मारे जाने से आशा है कि बंधकों की रिहाई संभव हो सकेगी.