बर्रा में रहने वाले एक रेलवे कर्मी साइबर ठगी का शिकार हुए. उनका पूरा परिवार इस ठगी की भेंट चढ़ गया. लाखों रुपये साइबर शातिरों ने ठग लिए. इसी का सदमा लगा तो रेलवे कर्मी सड़क हादसे का शिकार हो गए. उनकी मृत्यु के बाद पीछे पत्नी के अतिरिक्त तीन बेटियां छूट गई
239 मिनी एमआईजी बर्रा 2 निवासी पंकज कृपलानी रेलवे में चतुर्थ श्रेणी कर्माचारी थे. उनकी लखनऊ में ड्यूटी थी और वह रोजाना लखनऊ जॉब करने जाते थे और फिर घर लौटते थे. पंकज के परिवार में पत्नी जया कृपलानी और तीन बेटियां हैं. जया बताती है कि 26 फरवरी 2024 से लेकर 13 मई 2024 के बीच में पति को शेयर ट्रेडिंग में अधिक मुनाफे का झांसा देकर साइबर ठगों ने उनसे निवेश कराना प्रारम्भ कर दिया. आरंभ में पांच सौ रुपए से लेकर एक हजार रुपए तक निवेश किया. साइबर ठगों ने टेलीग्राम एप के माध्यम से उन्हें एक ग्रुप में जोड़ लिया. वहां पर एक वॉलेट में उनकी धनराशि दोगुनी दिखा उन्हें झांसे में लिया और फिर निवेश कराते चले गए. जया कृपलानी कहती है कि आरोपियों ने उन्हें अधिक से अधिक फायदा दिखाकर 11.76 लाख रुपए का निवेश करा लिया. उसके बाद जब उन्होंने पैसा निकालने का कोशिश किया तो आरोपियों ने कुछ बहाना बनाकर छह लाख रुपए और जमा कराने का दबाव बनाया. न जमा करने के बाद उन्होंने ग्रुप से पति को बाहर कर दिया और उनका ट्रेडिंग एकाउंट ब्लॉक कर दिया. इसी को लेकर पंकज कृपलानी परेशान हो गए थे.
सदमे में चली गई जान
जया कृपलानी बताती है कि इस फर्जीवाड़ा के बाद पति सदमें में आ गए थे. उन्हें कुछ समझ नहीं आता था. उन्हें सबसे बड़ी कठिनाई जमा पूंजी जाने की थी. साथ ही उन्हें लगता था कि अब उनके परिवार का क्या होगा. जया कहती है वह वर्षों से जॉब के लिए लखनऊ अपडाउन कर रहे हैं कभी कुछ नहीं हुआ मगर 11 सितम्बर 2024 को जब वह काम से लौटे तो घर के पास ही एक ट्रक ने उन्हें रौंद दिया. उनकी मृत्यु हो गई. जया कहती है कि उनका पूरा घर उजड़ गया है.
बैंक से ऋण लेकर साइबर ठगों को दे दिए रुपए
जया कृपलानी बताती है कि अधिक फायदा देख पति को लगा कि इससे उनके घर की आर्थिक तंगी काफी हद तक समाप्त हो जाएगी. उन्होंने थोड़ी तो अपनी जमा पूंजी लगाई जब पैसे समाप्त हुए तो बैंक से लोन लेकर पंकज ने फर्जी वेबसाइट पर लगा दिया था. जया के अनुसार अब बैंक लोन को चुकाना बहुत बड़ी परेशानी है.
एडीसीपी अपराध मनीष सोनकर ने कहा कि पीड़िता की तहरीर पर फर्जीवाड़ा और आईटी एक्ट की धारा में एफआईआर दर्ज कर ली गई है. जिन बैंक खातों में पैसा गया है. उनके बारे में जानकारी जुटाई जा रही है. बैंक में पैसा सीज कराने की प्रक्रिया को भी आगे बढ़ा दिया गया है.