आप जब बच्चों से पूछते हैं कि वो क्या बनना चाहते हैं, तो वे अपनी पसंद का प्रोफेशन बताते हैं। खासतौर पर उन्हें जिस यूनिफॉर्म में पेशेवर लोग अच्छे लगते हैं, वे वही बनने का मन बनाने लगते हैं। कई बार तो वे उसी तरह की ड्रेस भी पहनने की ज़िद करते हैं। अब ये बात तो बच्चों की हुई, बड़े होकर आदमी समझ जाता है कि इस यूनिफॉर्म के लिए कितनी मेहनत करनी पड़ती है।
हालांकि आज हम आपको एक ऐसी ब्रिटिश लड़की के बारे में बताएंगे, जो गले में स्टेथोस्कोप टांगे और सफेद कोट पहने हुए लड़की जब मन होता था, तब हॉस्पिटल पहुंच जाती थी। उसके यहां आने का कोई उद्देश्य नहीं होता था, वो केवल और केवल चिकित्सक बनने का शौक पूरा कर रही थी।
‘शौक’ पूरा करने के लिए बनती थी डॉक्टर
19 वर्ष की लड़की क्रेउएना ज्द्राफकोवा नाम की लड़की वेस्ट लंदन के एलिंग डिस्ट्रिक्ट की रहने वाली है। वो चिकित्सक बनने का सपना देखा करती थी लेकिन वो कभी भी किसी मेडिकल कॉलेज में नहीं गई। ऐसे में अपना शौक पूरा करने के लिए वो हाथ में दस्ताने और सफेद कोट पहनकर गले में स्टेथोस्कोप डालती और बड़े ही आत्मविश्वास से Ealing Hospital में घुस जाती थी। वो वहां पर स्वयं को चिकित्सक क्रिस्टीना बताती थी और मेडिकल मशीनों और एंबुलेंस को देखती। इतना ही नहीं वो मरीज़ों को कुछ-कुछ दवाइयां भी बेझिझक पिला देती थी।
हॉस्पिटल को बना दिया रिक्रिएशन पार्क
लड़की ने कई बार ऐसा किया, तब जाकर उसे नोटिस किया गया। पकड़े जाने पर क्रेउएना के वकील ने कहा कि वो शरणार्थी है और वो अपने चिकित्सक बनने के सपने को पूरा करने के लिए ऐसा कर रही थी। इन दलीलों के बाद लड़की को 12 महीने का प्रोबेशन और 15 दिनों के रिहैब की सज़ा दी गई है। इतना ही नहीं उसे हेल्थ एमरजेंसी के मुकदमा को छोड़कर किसी भी हालत में सरकारी हॉस्पिटल में आने पर पाबंदी लगा दी गई है।