बिटकॉइन माइनिंग स्कैम में एक्ट्रेस तमन्ना भाटिया से की ED ने पूछताछ
Udaipur Kiran Hindi October 21, 2024 06:42 PM

पिछले कुछ वर्षों में क्रिप्टोकरेंसी से जुड़े धोखाधड़ी के मामलों में उल्लेखनीय वृद्धि देखी गई है, और ऐसा ही एक मामला HPZ Token से जुड़ा है, जिसमें एन्फोर्समेंट डायरेक्टरेट (ED) ने हाल ही में एक्ट्रेस तमन्ना भाटिया से पूछताछ की है. यह पूछताछ मनी लॉन्ड्रिंग के एक बड़े मामले की जांच के दौरान की गई है, जिसमें बिटकॉइन और अन्य क्रिप्टोकरेंसीज की माइनिंग की आड़ में कई निवेशकों के साथ ठगी की गई थी.

HPZ Token स्कैम और तमन्ना भाटिया की भूमिका

HPZ Token से जुड़े इस मामले में तमन्ना भाटिया से पूछताछ की गई क्योंकि वह इस टोकन से संबंधित एक इवेंट में शामिल हुई थीं. उस इवेंट के लिए उन्हें फीस का भुगतान किया गया था. हालांकि, सूत्रों ने यह स्पष्ट किया है कि तमन्ना के खिलाफ कोई गंभीर आरोप नहीं हैं और उनकी भूमिका सिर्फ एक इवेंट में भाग लेने तक सीमित रही है.

ED की जांच में यह सामने आया है कि HPZ Token का उपयोग करके निवेशकों को बिटकॉइन और अन्य क्रिप्टोकरेंसी माइनिंग से उच्च रिटर्न का लालच दिया गया था, जबकि असल में यह एक बड़ा धोखाधड़ी का मामला निकला.

मनी लॉन्ड्रिंग की जांच और आरोपियों की पहचान

ED ने इस साल मार्च में चार्जशीट दाखिल करते हुए 299 फर्मों को इस सायबर क्राइम से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में आरोपी बनाया था. इनमें से 70 से अधिक फर्में चीन के नागरिकों के नियंत्रण में थीं. इस पूरे मामले की जांच की शुरुआत नगालैंड में कोहिमा Police की सायबर क्राइम यूनिट द्वारा दर्ज की गई FIR से हुई थी. FIR में यह आरोप लगाया गया था कि कुछ लोगों ने निवेशकों को बिटकॉइन और अन्य क्रिप्टोकरेंसीज की माइनिंग के जरिए अधिक रिटर्न का वादा कर उनके साथ ठगी की थी.

शेल फर्मों के जरिए फंड की लेयरिंग

ED ने अपनी जांच में पाया कि आरोपियों ने निवेशकों को धोखा देने के लिए HPZ Token ऐप का इस्तेमाल किया था. उन्होंने फंड की लेयरिंग के लिए कई शेल फर्मों का भी सहारा लिया, जिनमें से अधिकतर के फर्जी डायरेक्टर्स बनाए गए थे. यह एक संगठित तरीके से की गई धोखाधड़ी थी, जिसमें बड़ी संख्या में फर्जी कंपनियों और व्यक्तियों का उपयोग किया गया था.

Fiewin गेमिंग स्कैम का खुलासा

इस मामले के अलावा, ED ने एक और बड़े Fiewin गेमिंग स्कैम का भी खुलासा किया है, जिसमें लगभग 400 करोड़ रुपये (4.75 करोड़ Dollar) की धोखाधड़ी की गई थी. इस मामले में अमेरिकी क्रिप्टो एक्सचेंज Binance ने भी अपनी इंटेलिजेंस डिविजन की मदद से इस स्कैम का पर्दाफाश करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी.

Fiewin एक वैध ऐप की आड़ में ऑनलाइन गेमिंग और बेटिंग की पेशकश कर रहा था, और उपयोगकर्ताओं को धोखाधड़ी के जाल में फंसा रहा था. यह ऐप उपयोगकर्ताओं से इन-ऐप बैलेंस टॉप अप करने के लिए प्रोत्साहित करता था और जब बैलेंस बढ़ जाता, तो उन्हें फंड विड्रॉ करने नहीं दिया जाता था.

Binance ने एक बयान में कहा कि वित्तीय अपराधों के खिलाफ लड़ाई में पब्लिक और प्राइवेट भागीदारी से क्रिप्टो सेगमेंट में उनकी भूमिका और बढ़ सकती है.

निष्कर्ष

क्रिप्टोकरेंसी से जुड़े धोखाधड़ी के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं, और इसमें कई बड़ी हस्तियों के नाम भी सामने आ रहे हैं, चाहे वे सीधे तौर पर शामिल हों या नहीं. HPZ Token स्कैम और Fiewin गेमिंग स्कैम जैसे मामलों से यह स्पष्ट होता है कि क्रिप्टोकरेंसी के क्षेत्र में काम करने वाले धोखेबाज लगातार नए तरीके ढूंढ रहे हैं. ED जैसी संस्थाओं की जांच इन अपराधों को रोकने और दोषियों को सजा दिलाने के लिए महत्वपूर्ण है.

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