Hyundai IPO Listing Date: हुंडई मोटर इण्डिया लिमिटेड का आईपीओ जो कि हिंदुस्तान का अब तक का सबसे बड़ा आईपीओ है, कल शेयर बाजार में लिस्ट होने जा रहा है. कंपनी के शेयरों की बीएसई और एनएसई पर मंगलवार 22 अक्टूबर को लिस्टिंग होनी है. लिस्टिंग से पहले हुंडई मोटर के आईपीओ ग्रे बाजार में थोड़ा रिकवर किया है और 3% मुनाफे का संकेत दे रहा है. यानी हर शेयर पर मात्र 75 रुपये का लाभ दिख रहा है. इससे पहले इसका जीएमपी निगेटिव में चला गया था. बता दें कि राष्ट्र के सबसे बड़े आईपीओ को तीन दिन में सिर्फ़ 2.37 गुना ही सब्सक्राइब किया गया था. इसमें रिटेल निवेशकों की ओर से काफी ठंडा रिस्पॉन्स था.
हुंडई मोटर इण्डिया लिमिटेड का आईपीओ निवेश के लिए 15 से 17 अक्टूबर के बीच ओपन हुआ था. इसका प्राइस बैंड 1960 रुपये तय किया गया था. तीन दिन में इसे 2.37 गुना सब्सक्राइब किया गया. एनएसई के आंकड़ों के मुताबिक, करीब 27,870 करोड़ रुपये के आकार वाले आईपीओ के अनुसार की गई 9,97,69,810 शेयरों की पेशकश के मुकाबले 23,63,26,937 शेयरों के लिए बोलियां प्राप्त हुई थीं. पात्र संस्थागत खरीदारों (क्यूआईबी) की कैटेगरी को 6.97 गुना अभिदान मिला जबकि गैर-संस्थागत निवेशकों के कोटा को 60 फीसदी सब्सक्राइब किया गया. रिटेल निवेशकों के लिए तय कोटे को 50 फीसदी सब्सक्राइब किया गया. हुंडई मोटर इण्डिया लिमिटेड (एचएमआईएल) ने आईपीओ खुलने के पहले एंकर निवेशकों से 8,315 करोड़ रुपये जुटाए थे.
केजरीवाल रिसर्च के फाउंडर, अरुण केजरीवाल ने लाइव हिन्दुस्तान से कहा कि जीएमपी और वैल्यूएशन जैसे तमाम चीजों को देखते हुए कंपनी के शेयरों की फ्लैट लिस्टिंग होने की आसार है. इसका वैल्यूएशन काफी हाई है. ऐसे में जिन निवेशकों को यह आईपीओ मिला है उन्हें यदि लिस्टिंग पर 2-3% का भी फायदा होता है तो बेचकर निकल जाना चाहिए. केजरीवाल के मुताबिक, कंपनी के शेयरों का अगले 3-4 दिनों में बज्ज जरूर रहेगा, लेकिन फिलहाल निवेशक इस शेयर से अधिक मुनाफे की आशा न करें. अरुण केजरीवाल बताते हैं कि अगले 15 महीने बाद इसमें ग्रोथ की आसार आ सकती है. उस समय तक कई ऐसे मौके मिलेंगे जब रिटेल निवेशक दांव लगा सकते हैं. फिलहाल इस शेयर में निवेश जल्दीबाजी होगी. वहीं, दूसरी तरफ भारतीय शेयर बाजार में भी करेक्शन आ रहा है.
यह आईपीओ पूरी तरह से प्रमोटर्स कंपनी हुंडई मोटर कंपनी (एचएमसी) की तरफ से 14,21,94,700 इक्विटी शेयरों की बिक्री पेशकश (ओएफएस) पर आधारित है और इसमें कोई नया इक्विटी शेयर नहीं जारी किया गया है. ऐसी स्थिति में एचएमआईएल को शेयर बिक्री से कोई राशि नहीं मिलेगी. मारुति सुजुकी की 2003 में सूचीबद्धता के बाद से यह बीते दो दशक में किसी वाहन विनिर्माता का पहला आईपीओ है. दक्षिण कोरियाई मूल कंपनी ओएफएस मार्ग के जरिये अपनी कुछ हिस्सेदारी बेच रही है.