जांच एजेंसी के अनुसार आतंकवाद रोधी एजेंसी की जांच में पाया गया कि पंजाब और देश के अन्य हिस्सों में आतंक फैलाने के लिए बीकेआई के आतंकवादियों द्वारा रची गई साजिश में गोपी की भूमिका थी. एनआईए जांच के अनुसार, आरोपी दिसंबर 2022 में पुलिस थाना सरहाली पर आरपीजी (रॉकेट प्रोपेल्ड ग्रेनेड) दागने वाले आतंकी हमले में भी शामिल था.
एजेंसी ने खुलासा किया कि वह जेल में रहते हुए भी अपने विदेशी आकाओं के संपर्क में था और उस मामले में जेल से रिहा होने के बाद भी संपर्क में रहा. एनआईए की जांच में पाया गया कि गोपी ने लांडा के कहने पर बड़े पैमाने पर व्यापारियों से उगाही के जरिए भारत में बीकेआई और उसके गुर्गों के लिए धन जुटाने की साजिश रची. इसने कहा कि उसने बीकेआई आतंकी मॉड्यूल के लिए युवाओं की भर्ती भी की थी.
इसमें कहा गया कि जो लोग लांडा के निशाने पर थे उन लोगों की गोपी ने रैकी की थी और उनको खत्म करने का प्रयास भी किया था. बयान में कहा गया कि एनआईए ने उस पर गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम, भारतीय दंड संहिता और शस्त्र अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत आरोप लगाए थे. एनआईए ने इस साल जनवरी में तलाशी अभियान के दौरान आरोपी के घर से एक अवैध हथियार भी जब्त किया था.