दिवाली के बाद इतनी जहरीली हो जाती है दिल्ली की हवा, इनके लिए बेहद खतरनाक
कोमल पांडे October 24, 2024 03:12 PM

Delhi Pollution: दिवाली के बाद दिल्ली की हवा में प्रदूषण का स्तर खतरनाक स्तर पर पहुंच जाता है. शहर की हवा जहरीली बन जाती है. सांस लेना तक दूभर हो जाता है. इसके पीछे सबसे बड़ा कारण दिवाली (Diwali) पर जलाए गए पटाखे और जमकर आतिशबाजी बताई जाती है. बैन के बावजूद दिवाली की रात पटाखों का शोर और धुआं चलता रहता है.

सुबह होने तक हवा सांस लेने लायक नहीं बचती है. यह हाल सिर्फ दिल्ली ही नहीं बल्कि इससे सटे नोएडा, गुरुग्राम और फरीदाबाद में भी देखने को मिलता है, जहां का AQI (Air Quality Index) खतरनाक लेवल पर पहुंच जाता है. इस बार तो 15 अक्टूबर से ही दिल्ली में प्रदूषण बढ़ने लगा है, जिसे देखते हुए कई पाबंदियां लगा दी गई हैं.

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कितना AQI खतरनाक

सेहत के हिसाब से 0 से 50 तक का एक्यूआई सबसे अच्छा माना जाता है लेकिन जैसे-जैसे इसका स्तर बढ़ता है, सेहत के लिए खतरे बढ़ते जाते हैं. 51-100 तक एक्यूआई संतोषजनक, 101 से 200 तक सामान्य, 201 से 300 तक खराब, 301 से 400 तक बहुत खराब और 401 से 500 तक गंभीर माना जाता है, जो बेहद खतरनाक होता है.

दिल्ली की प्रदूषित हवा कितनी नुकसानदायक

हमारे फेफड़ों के लिए हवा में मौजूद पार्टिकुलेट मैटर (PM) जहर से कम नहीं हैं. ये हवा में पाए जाने वाले ऐसे कण हैं, जिनकी साइज 2.5 माइक्रोमीटर या उससे कम ही होता है. इसकी वजह से समय से पहले मौत भी हो सकती है, क्योंकि इनका फेफड़ों पर गंभीर प्रभाव देखने को मिलता है. WHO के अनुसार, PM 2.5 हवा में 5 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर से अधिक होना खतरनाक और नुकसानदायक है.

प्रदूषित हवा किसके लिए ज्यादा हानिकारक

डॉक्टरों का कहना है कि पटाखों से निकला धुआं और दिल्ली का प्रदूषण लोगों की सेहत के लिए खतरनाक हो सकता है. खासकर बच्चों, बुजुर्गों और मरीजों के लिए यह ज्यादा हानिकारक होता है. ऐसे लोग जिन्हें फेफडों या दिल की कोई बीमारी है तो उनके लिए इस हवा में सांस लेना भी घातक हो सकता है. प्रदूषण की वजह से सांस लेने में कठिनाई होती है, जो समय से पहले उनमें अस्थमा या सांस संबंधी किसी बीमारी का कारण बन सकती है.

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बच्चों और बुजुर्गों का रखें ख्याल

दिल्ली की जहरीली हवा का बच्चों और बुजुर्गों की सेहत पर सबसे ज्यादा असर पड़ सकता है. इससे बुजुर्गों के हार्ट ट्यूब यानी नलिकाएं सूज जाती हैं, ब्लड क्लॉटिंग हो सकती है, जिससे दिल का दौरा पड़ सकता है. पटाखों की जहरीली हवा से सांस के मरीजों या सामान्य इंसान के फेफड़े भी खराब हो सकते हैं.

Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.

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