कॉल सेंटर से साइबर ठगी करने वाले रैकेट के एक और आरोपी की गिरफ्तारी हुई है. अरैस्ट जीशान की निशानदेही पर पुलिस ने दुमका के हंसडीहा से एक आरोपी आदित्य कुमार को पकड़ा है. बुधवार को उसे अरैस्ट कर भागलपुर लाया गया. पुलिस के मुताबिक आदित्य ही जीशान अंसा
कस्टमर का पूरा डाटा भी आदित्य मौजूद कराता था. उसके पास दिल्ली से बैंक खाता, पासबुक और एटीएम आता था. इसी खाते में ठगी के पैसे मंगाए जाते थे. पुलिस को यह भी पता चला है कि नवादा का निखिल इस कॉल सेंटर का मास्टरमाइंड है. जीशान ठगी का सारा पैसा निखिल को भेजता था. बुधवार तक कुल 10 आरोपियों को पुलिस ने अरैस्ट किया है. कॉल सेंटर से एक रजिस्टर मिला है. जिसमें भिन्न-भिन्न राज्य के पीड़ित के डिटेल हैं.
दुमका और बंगला में हुई थी छापेमारी
साइबर पुलिस की टीम मंगलवार की देर रात ही राहुल गुप्ता की गिरफ्तारी के लिए दुमका छापेमारी करने गई थी. वहीं, दूसरी टीम बंगाल भी छापेमारी के लिए गई थी.
गिरफ्तार आरोपियों में मास्टमाइंड बंगाल का रहने वाला राहुल गुप्ता उर्फ जीशान, महताब, मोजाहिदपुर के हुसैनपुर निवासी मो। छोटू, किराए पर मकान दिलाने वाला नाथनगर निवासी ललन और दुमका से अरैस्ट सिम और बैंक खाता मौजूद करवाने वाले आरोपी समेत बंगाल की 6 युवतियां शामिल हैं.
कॉल सेंटर में काम करने वाली भागलपुर के भिन्न-भिन्न क्षेत्र की रहने वाली 11 युवतियों को पूछताछ के बाद मंगलवार की देर रात ही छोड़ दिया गया था. साइबर डीएसपी संजीव कुमार ने कहा कि आरोपी की निशानदेही पर छापेमारी कर रैकेट में शामिल कुछ अन्य को अरैस्ट किया गया है.
रजिस्टर में मिला है भिन्न-भिन्न राज्य के पीड़ित का डिटेल
कॉल सेंटर से साइबर पुलिस को एक मोटा रजिस्टर मिला है. जिसमें ठगी का पुरा हिसाब-किताब लिखा हुआ है. पुलिस ने जब उसे जोड़ कर देखा तो पता चला है कि हर माह 50 लाख से अधिक की ठगी होती थी. रजिस्टर में ठगे जाने वाले सभी कस्टमर का पुरा डिटेल लिखा हुआ है.
महिला डाक्टर खुशबु से हुई थी ठगी
गुरुग्राम की एक स्त्री डाक्टर खुशबु से 50 हजार से अधिक की ठगी हुई थी. उसे ठग ने आईफोन गिफ्ट में देने झांसा देकर बोनस, GST समेत अन्य चार्ज के बहाने भिन्न-भिन्न किस्त में पैसे ठग लिए. इसी तरह रजिस्टर में सभी कस्टमर का डिटेल लिखा जाता था.
हालांकि पुलिस का बोलना है कि ठगी की राशि जो रजिस्टर में लिखी है वह काफी कम है. गुरुग्राम की डाक्टर खुशबु से 50 हजार से अधिक की ठगी हुई. लेकिन रजिस्टर में पांच हजार ही लिखा है.
इस तरह से होती थी ठगी
अलग-अलग आॅनलाइल प्लेटफार्म से सामान की खरीदारी करने वाले लोगों को कॉल सेंटर से भागलपुर की लड़की कॉल करती थी. कॉल करने वाली लड़की स्वयं को कंपनी की कर्मचारी बताती थी. कस्टमर से पूछा जाता कि आपने जो सामान खरीदा है, उससे आप संतुष्ट हैं, आपका प्रोडक्ट अच्छा है या नहीं. कस्टमर के संतोषजनक जबाब दोने पर पूछा जाता था कि क्या आप फिर से प्रोडक्ट खरीदना चाहेंगे. आपको पहले की खरीदारी के लिए गिफ्ट दिया जा रहा है.
गिफ्ट के लिए हां कहने पर जूनियर लड़की अपने सीनियर(बंगाल की लड़की) को कॉल ट्रांसफर कर देती थी. फिर सीनियर लड़की कस्टमर को कहती थी कि आपको गिफ्ट दिया जा रहा है. गिफ्ट के तौर पर आईफोन, टीवी समेत छह-सात आइटम कहा जाता था.
नेटवर्क पूरे राष्ट्र में होने की आशंका
पकड़े गए आरोपियों से पूछताछ में साइबर पुलिस को चौंकाने वाली जानकारी मिली है. इस रैकेट का नेटवर्क पूरे राष्ट्र में फैले होने की बात कही जा रही है. आरोपी ने पुलिस को कहा कि भागलपुर में जैसा कॉल सेंटर पकड़ा गया है उस तरह के दो हजार से अधिक कॉल सेंटर पूरे राष्ट्र में है. जहां से बैठ कर ठग लोगों का खाता खाली कर रहे है.
साइबर थाना के एक इंस्पेक्टर ने कहा कि अब तक की जांच में टेरर फंडिंग और विदेश से कोई कनेक्शन की बात नहीं मिली है. हम लोग इस पर छानबीन कर रहे हैं.