विज्ञान न्यूज़ डेस्क - पृथ्वी और चंद्रमा का निर्माण करीब 4.5 अरब साल पहले हुआ था। वैज्ञानिक शोध से पता चलता है कि इस दौरान कई क्षुद्रग्रह और उल्कापिंड ग्रह-उपग्रह की इस जोड़ी से टकराते रहे। हर भयानक टक्कर के निशान के रूप में एक गड्ढा रह गया। पृथ्वी पर ऐसे कई गड्ढे आज भी मौजूद हैं, लेकिन उनमें से ज़्यादातर समय के साथ भर गए। हालांकि, चंद्रमा के सभी गड्ढे वैसे ही हैं, क्योंकि उन्हें भरने के लिए कोई प्राकृतिक व्यवस्था नहीं है। चंद्रमा का सबसे बड़ा और सबसे पुराना गड्ढा साउथ पोल-ऐटकेन (एसपीए) बेसिन है। यह 2,000 किलोमीटर से ज़्यादा क्षेत्र में फैला हुआ है। वैज्ञानिकों ने आखिरकार पता लगा लिया है कि यह गड्ढा कब बना था।
चांद पर सबसे बड़ा गड्ढा कितना पुराना है?
मैनचेस्टर यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं के नेतृत्व वाली एक टीम के अनुसार, साउथ पोल-ऐटकेन (एसपीए) बेसिन 4.32 अरब साल पहले बना था। नई खोज से पता चलता है कि जैसे ही पृथ्वी-चंद्रमा प्रणाली बनी, बड़े उल्कापिंड और क्षुद्रग्रह इससे टकराने लगे। प्रारंभिक जीवन में, एक विशाल अंतरिक्ष चट्टान चंद्रमा से टकरा गई और एक गड्ढा छोड़ गई। साउथ पोल-ऐटकेन (एसपीए) बेसिन से संबंधित शोध नेचर एस्ट्रोनॉमी पत्रिका में प्रकाशित हुआ है।
साउथ पोल-ऐटकेन (एसपीए) बेसिन की आयु का पता लगाने के लिए वैज्ञानिकों ने चंद्रमा से आए एक उल्कापिंड का अध्ययन किया। नॉर्थवेस्ट अफ्रीका 2995 नामक यह चंद्र उल्कापिंड 2005 में अल्जीरिया में पाया गया था। यह साउथ पोल-ऐटकेन बेसिन के बारे में महत्वपूर्ण सुराग छिपाए हुए पाया गया था। जब इस उल्कापिंड के खनिज और चट्टानी भागों में मौजूद यूरेनियम और सीसे के स्तर की जांच की गई, तो चौंकाने वाले परिणाम सामने आए।
परिणामों से पता चला कि एसपीए बेसिन का निर्माण पहले के अनुमान से 120 मिलियन वर्ष पहले हुआ था। वैज्ञानिकों ने टक्कर का समय लगभग 4.32 से 4.33 बिलियन वर्ष पहले बताया। यह खोज साबित करती है कि चंद्रमा पर बमबारी सीमित अवधि के लिए नहीं हुई थी, बल्कि यह लंबे समय तक लगातार हमलों का शिकार होता रहा। शोध दल ने कहा कि इस खोज से वैज्ञानिकों को यह जानने में मदद मिल सकती है कि उसी समयावधि में पृथ्वी पर क्या हुआ था।