झारखंड विधानसभा चुनाव 2024: झारखंड में इस वर्ष के विधानसभा चुनावों में पहली बार मतदान करने जा रहे युवा वोटरों ने अपने इरादे साफ कर दिए हैं। उनके लिए मतदान सिर्फ़ एक अधिकार नहीं, बल्कि राज्य के विकास में एक्टिव सहयोग देने का एक मौका है। पलामू जिले के युवा पहली बार अपने लोकतांत्रिक अधिकार का इस्तेमाल करते हुए राज्य की दिशा और हालात को सुधारने के इरादे से मैदान में उतर रहे हैं। उनका बल रेवड़ी संस्कृति पर नहीं, बल्कि असली विकास, शिक्षा, रोजगार और बुनियादी ढांचे पर है।
युवाओं के लिए रोजगार और विकास है मुख्य मुद्दा
डाल्टनगंज निवासी और 18 वर्षीय सौभाग्य सृजन, जिन्होंने हाल ही में अपना वोटर आईडी कार्ड प्राप्त किया है, इस चुनाव में पहली बार मतदान करेंगे। लोकल18 से वार्ता में उन्होंने झारखंड में आधारभूत मुद्दों पर ध्यान देने की आवश्यकता बताई। सौभाग्य का मानना है कि झारखंड में अब ऐसी गवर्नमेंट चाहिए जो गरीबों को सिर्फ़ निःशुल्क सुविधाएं देकर सीमित न रखे, बल्कि उनके असली उत्थान के लिए काम करे। उनका मानना है कि यदि राज्य में शिक्षा, सड़क और बिजली जैसी बुनियादी सुविधाओं को सुलभ कर दिया जाए, तो झारखंड की पहचान राष्ट्रीय स्तर पर की जा सकती है।
उन्होंने आगे कहा कि मैं ऐसे नेता का चुनाव करना चाहूंगा जो झारखंड के हर वर्ग के विकास के लिए काम करे। रोजगार सृजन हो, सड़कें अच्छी हों, और शिक्षा का स्तर बढ़े। यदि हम मतदान नहीं करेंगे, तो विकास की इस प्रक्रिया में शामिल नहीं हो पाएंगे। सौभाग्य के अनुसार, आज के युवा नेताओं को भी चाहिए कि वे सिर्फ़ सत्ता की होड़ में न रहें, बल्कि उन मुद्दों को उठाएं जो आम जनता को प्रभावित करते हैं।
सुरक्षा और सिंचाई परियोजनाओं पर ध्यान जरूरी
आवदगंज के निवासी 19 वर्षीय पुस्कर सिन्हा ने भी इस बार पहली बार मतदान करने का निर्णय किया है। दिल्ली में पढ़ाई कर रहे पुस्कर दीपावली और चुनावों के लिए पलामू लौट आए हैं। उनके अनुसार, सड़क सुरक्षा का मामला भी झारखंड के ग्रामीण इलाकों में एक बड़ा प्रश्न है। क्षेत्रीय लोगों की सुविधा और सुरक्षा के लिए अच्छी सड़कों का होना जरूरी है, जिससे सड़क दुर्घटनाओं में कमी आ सके। उन्होंने बोला कि क्षेत्र की सिंचाई परियोजना, मंडल डैम, लंबे समय से अधर में लटकी हुई है, और इसे पूरा कराना किसानों के लिए बड़ी राहत का काम हो सकता है।
पुस्कर ने मतदान की महत्ता को समझाते हुए बोला कि लोगों को सतर्क होना चाहिए और अपने मताधिकार का प्रयोग करना चाहिए। यह हमारा कर्तव्य है कि हम अपने क्षेत्र और राज्य के विकास में अपना सहयोग दें।
फर्स्ट टाइम वोटर्स के मामले और उनकी उम्मीदें
झारखंड के इस विधानसभा चुनाव में पहली बार मतदान करने वाले इन युवा वोटरों ने साफ कर दिया है कि उन्हें सिर्फ़ चुनावी वादों की रेवड़ियां नहीं, बल्कि ठोस विकास चाहिए। उनके अनुसार, हर बार वादे करने वाले नेता अक्सर जीतने के बाद गायब हो जाते हैं और असल में उन मुद्दों पर ध्यान नहीं दिया जाता जिनका सीधा असर आम जनता पर पड़ता है। इस बार युवा वोटरों का फोकस शिक्षा, रोजगार, सड़क, सिंचाई और सुरक्षा पर है।
वोटरों का यह रुख दर्शाता है कि आने वाले समय में झारखंड की राजनीति में युवाओं की एक्टिव भागीदारी राज्य की दिशा को बदलने में सहायक हो सकती है।
झारखंड की राजनीति में युवा वोटरों का बदलता दृष्टिकोण
झारखंड के विधानसभा चुनावों में इस बार एक परिवर्तन देखने को मिल रहा है। युवा वोटरों का बोलना है कि अब समय आ गया है जब हर नेता को उनके किए गए वादों के लिए जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए। “हमारे वोट से हमारा भविष्य तय होता है,” सौभाग्य ने कहा। दोनों युवा वोटरों का मानना है कि एक सतर्क समाज ही अपने अधिकारों और कर्तव्यों को निभाकर एक मजबूत राज्य का निर्माण कर सकता है।