रांचीः कोयला घोटाला मुद्दे में गुनेहगार झारखंड के पूर्व सीएम मधु कोड़ा को उच्चतम न्यायालय से झटका लगा है। मधु कोड़ा की ओर से दाखिल याचिका को उच्चतम न्यायालय ने शुक्रवार को खारिज कर दिया। अब मधु कोड़ा झारखंड विधानसभा का चुनाव नही लड़ सकते हैं। मधु कोड़ा ने दोषिसिद्धि पर रोक लगाने की याचिका दाखिल की थी, जो कि खारिज हो गई है।
जस्टिस संजीव खन्ना की प्रतिनिधित्व वाली 3 सदस्यीय बेंच ने कोयला घोटाला मुद्दे में गुनेहगार करार दिए गए पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा की याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा, ‘हम अफजाल अंसारी बनाम यूपी राज्य में उच्चतम न्यायालय के निर्णय से सहमत हैं। दोषसिद्धि पर रोक लगाने के लिए कई कारकों को ध्यान में रखना पड़ता है, जो कोई नियमित बात नहीं है। अफजाल अंसारी मुकदमा में अपीलकर्ता विधायिका का मौजूदा सदस्य था। लेकिन यहां पर ऐसी तथ्यात्मक स्थिति नहीं है। ऐसे में न्यायालय याचिका खारिज करती है।’ मधु कोड़ा को जब सजा हुई तब वह विधानसभा के सदस्य नहीं थे। ऐसे में यह स्थिति अलग है, जिसके चलते उच्चतम न्यायालय ने याचिका खारिज कर दी।
बता दें कि इससे पहले दिल्ली उच्च न्यायालय ने दोषसिद्धि पर रोक लगाने से जुड़ी याचिका को 18 अक्टूबर को खारिज कर दिया था। CBI ने कोड़ा की याचिका का विरोध करते हुए बोला था कि यह विचार योग्य नहीं है। वर्ष 2017 में 13 दिसंबर को निचली न्यायालय ने मधु कोड़ा, पूर्व कोयला सचिव एचसी गुप्ता, राज्य के पूर्व मुख्य सचिव एक बसु और कोड़ा के करीबी विजय जोशी को करप्शन के मुद्दे में शामिल होने और राज्य के राजहरा उत्तर कोयला ब्लॉक को कोलकाता स्थित कंपनी विनी आयरन एंड स्टील उद्योग लिमिटेड को गलत ढंग से आवंटित करने के मुद्दे में 3 वर्ष कारावास की सजा सुनाई थी।
बता दें कि जनप्रितिनिधित्व कानून के अनुसार किसी भी क्राइम के लिए गुनेहगार ठहराए जाने और कम से कम दो वर्ष की कैद की सजा पाने वाला शख्स तुरंत ही सांसद, विधायक या फिर एमएलसी के सदस्य के रूप में अयोग्य घोषित हो जाता है और इसके अतिरिक्त कारावास से बाहर निकलने के बाद भी वह 6 वर्ष तक चुनाव नहीं लड़ सकता।