ITR: इनकम टैक्स देने वालों की संख्या में आश्चर्यजनक रूप से इजाफा हुआ है. वित्त वर्ष 2013 में करोड़पति टैक्सपेयर्स की संख्या जहां सिर्फ 44 हजार थी वहीं, वित्त वर्ष 2024 में यह आंकड़ा 2.2 लाख पर पहुंच गया है. सिर्फ 10 साल में भारतीय इकोनॉमी ने अमीरों पर धन वर्षा कर दी है. एसबीआई इकोनॉमिक रिसर्च (SBI Economic Research) की रिपोर्ट में यह खुलासा हुआ है. इस रिपोर्ट में उन सभी लोगों को शामिल किया गया है, जिन्होंने असेसमेंट ईयर में अपनी संपत्ति एक करोड़ रुपये से ज्यादा बताई है.
एसबीआई इकोनॉमिक रिसर्च की इस रिपोर्ट के अनुसार, टैक्स सिस्टम में लगातार हो रहे सुधार के चलते डायरेक्ट टैक्स का हिस्सा कुल टैक्स रेवेन्यू में 56.7 फीसदी हो चुका है. वित्त वर्ष 2023 में यह आंकड़ा 54.6 फीसदी था. साथ ही यह आंकड़ा 14 साल में सबसे ज्यादा है. पर्सनल इनकम टैक्स कलेक्शन (Personal Income Tax) ने कॉरपोरेट टैक्स कलेक्शन (Corporate Tax) को पछाड़ दिया है. साथ ही कुल टैक्सपेयर्स की संख्या में भी एक दशक में 2.3 गुना इजाफा हुआ है. असेसमेंट ईयर 2024 में कुल टैक्सपेयर्स बढ़कर 8.62 करोड़ हो गए हैं. सबसे ज्यादा वृद्धि 10 लाख रुपये से ज्यादा कमाने वालों की है.
रिपोर्ट में कहा गया है कि देश में मिडिल क्लास सेगमेंट तेजी से बढ़ रहा है. असेसमेंट ईयर 2014 में 1.5 से 5 लाख रुपये की आय वाले असेसमेंट ईयर 2024 में 2.5 से 10 लाख रुपये वाले आय वर्ग में आ गए हैं. साथ ही महिला टैक्सपेयर्स की संख्या भी कुल करदाताओं में 15 फीसदी हो गई है. एसबीआई के ग्रुप चीफ इकोनॉमिक एडवाइजर सौम्य कांति घोष (Soumya Kanti Ghosh) ने कहा कि आईटीआर फाइलिंग का आंकड़ा हर साल बढ़ता जा रहा है. सरकार ने निम्न आय वर्ग के लोगों के लिए योजनाएं बनाकर उन्हें आगे लाने का काम किया है.
हाल ही में आई हुरून इंडिया रिच लिस्ट (Hurun India Rich List) के अनुसार, देश में कुल 334 अरबपति हैं. साल 2023 के मुकाबले इस आंकड़े में 75 नए अरबपति जुड़े हैं. इस लिस्ट में कुल 97 शहर के लोग शामिल थे. यह आंकड़ा भी हर साल बढ़ता जा रहा है. इनकम टैक्स रिटर्न (Income Tax Returns) की संख्या हर साल बढ़ती ही जा रही है. इस साल करीब 7.3 करोड़ लोगों ने आईटीआर भरे हैं. मार्च, 2025 तक यह आंकड़ा 9 करोड़ को पार कर सकता है.
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