नई दिल्ली, 30 अक्टूबर . पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस नेता चौधरी वीरेंद्र सिंह ने बुधवार को से खास बातचीत की. इस दौरान उन्होंने चुनाव आयोग द्वारा कांग्रेस की ईवीएम से संबंधित शिकायत को नकारने पर प्रतिक्रिया व्यक्त की. साथ ही, महाराष्ट्र में नवाब मलिक की उम्मीदवारी को लेकर भाजपा की नाराजगी और उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस द्वारा शरद पवार को झूठा कहे जाने पर भी उन्होंने अपनी राय रखी.
चौधरी वीरेंद्र सिंह ने चुनाव आयोग द्वारा कांग्रेस के ईवीएम संबंधित शिकायत को नकारे जाने पर कहा कि यह मुश्किल है कि चुनाव आयोग अपनी गलतियों को स्वीकार करेगा. चुनाव आयोग का पक्ष यह है कि ईवीएम में नवीनतम तकनीक का इस्तेमाल किया जाता है और उसमें कोई गलती नहीं हो सकती. लेकिन हमें यह याद रखना चाहिए कि तकनीक और इंसान के बीच एक बड़ा फर्क है. इंसान को सोचने के लिए दिमाग दिया गया है, और वह तकनीक को भी बनाता है, इसलिए उसकी कमियों को भी वही जानता है.
उन्होंने आगे कहा कि दुनिया के अन्य बड़े देशों में जहां लोकतंत्र है, अब भी चुनाव में बैलेट पेपर का इस्तेमाल किया जाता है. यदि तकनीक इतनी सुरक्षित है, तो अन्य देशों में कागज का उपयोग क्यों किया जा रहा है? यह कई तरह के सवाल उठाता है.
जब उनसे महाराष्ट्र में नवाब मलिक की उम्मीदवारी को लेकर भाजपा की नाराजगी के बारे में पूछा गया तो उन्होंने इसे पोलराइजेशन का खेल करार दिया. उन्होंने कहा कि भाजपा ने स्पष्ट कर दिया है कि चाहे वह शिंदे की शिवसेना हो या अजित पवार की राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी, दोनों को मिलाकर भी उन्हें सौ सीटें नहीं दी गई हैं. भाजपा किसी भी क्षेत्रीय दल को समाप्त करने में सक्षम है.
शरद पवार को लेकर देवेंद्र फडणवीस के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए चौधरी वीरेंद्र ने कहा कि शरद पवार हमारे देश के वरिष्ठ राजनेताओं में से एक हैं और उनका लंबा इतिहास है. भाजपा को यह स्वीकार करना चाहिए कि अगर पवार पर लोगों की आस्था नहीं होती, तो उन्होंने जितनी सीटें जीती हैं, उनमें से 80 प्रतिशत सीटें उनके पास हैं. छोटी बातों में उलझना भाजपा के लिए उचित नहीं है. उन्हें अपने शब्दों का चयन सही से करना चाहिए.
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पीएसके/एकेजे
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