IT सेक्टर की चकाचौंध छोड़ मियां-बीवी ने शुरू किया ऐसा बिज़नेस की आज कमा रहे करोड़ों
et November 07, 2024 01:42 AM
खुद का व्यापार शुरू करने के लिए कई लोग अपनी अच्छे वेतन वाली नौकरी भी छोड़ देते हैं. ऐसे ही अहमदाबाद के पति-पत्नी ने भी किया. जो कभी आईटी सेक्टर में अच्छे पद पर नौकर करते थे. ये सफलता की कहानी हैं श्रीकांत मालदे और उनकी पत्नी चार्मी की. जिन्होंने टेक्नोलॉजी की दुनिया से निकलकर डेयरी बिजनेस का सफर शुरू किया. कैसे हुई 'गौनीति ऑर्गेनिक्स’ की शुरुआत· श्रीकांत मालदे और उनकी पत्नी चार्मी ने साल 2017 में शुद्ध और स्वास्थ्यवर्धक डेयरी उत्पादों को बेचने के लिए 'गौनीति ऑर्गेनिक्स' के डेयरी ब्रांड की स्थापना की. इस ब्रांड ने पिछले वित्त वर्ष में 2 करोड़ रुपये से ज्यादा की इनकम अर्जित की. मिया-बीवी की सफलता की कहानीश्रीकांत और चार्मी का कहना है कि उन्हें भले ही इस क्षेत्र में काम करते हुए 10 साल ससे ज्यादा समय हो गया था, अच्छा वेतन भी मिलता था, फिर भी वे अपने काम से संतुष्ट नहीं थे. दोनों पति-पत्नियों को लगता था कि उन्हें कुछ ऐसा करना चाहिए, जिसमें अच्छी कमाई भी हो और उन्हें काम से संतुष्टि भी मिले.जब साल 2014 में गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल कैंसर से श्रीकांत के पिता का निधन हो गया तो इस घटना ने दोनों को बड़ा झटका दिया. जिसके बाद वे भी अपने खान-पान और जीवनशैली के बारे में सोचने पर मजबूर हो गए. पिता के जाने के बाद दोनों पति-पत्नी ने अपने खान-पान में सुधार किया. जिसके लिए उन्होंने जैविक और प्राकृति खाद्य पदार्थों के प्रति अपनी जागरूकता बढ़ाई.जब वे बाजार में शुद्ध जैविक पदार्थों की तलाश करते थे, तो उन्हें मन चाहे परिणाम नहीं मिलते. जिसके बाद उन्हें जैविक उत्पादों और जैविक खेती में गायों की महत्वपूर्ण भूमिका के बारे में पता चला. गौनीति ऑर्गेनिक्स की 4 गायों से शुरुआतश्रीकांत और चार्मी ने चार गायों से अपने बिजनेस की शुरुआत की थी. पहले वे A2 कैटेगरी का दूध और बिलोना घी केवल पड़ोसियों और अपने दोस्तों को भेजा करते थे. जब सभी से सकारात्मक रिव्यू मिलने लगे तो फिर उन्हें प्रोडक्ट्स के बारे में चर्चा भी होने लगी.धीरे-धीरे 'गौनीति ऑर्गेनिक्स' के प्रोडक्ट्स की मांग बढ़ने लगी, जिसमें वे केवल जैविक गाय के उत्पाद को ही बेचते हैं. वे A2 दूध के साथ ही A2 मलाई पनीर, देसी घी, , बिलोना घी आदि बेचते हैं. इसके अलावा उन्होंने हाल ही में हेल्दी न्यूट्रीबार और घी बिस्कुट जैसे नए प्रोडक्ट्स भी बेचने शुरू किये हैं. देसी गाय के गोबर का इस्तेमाल वे अगरबत्ती और धूप जैसे पदार्थ बनाने के लिए करते हैं. ये मुश्किलें आई सामनेश्रीकांत और चार्मी आज भले ही करोड़ों रुपये वैल्यू वाले एक सफल जैविक ब्रांड के मालिक हो, लेकिन उनका ये सफर आसान नहीं था. उन्हें गायों की देखभाल, मौसम की चुनौतियों और मजदूरों का प्रबंधन जैसी कई परेशानियों का सामना करना पड़ा. हालांकि दोनों ने सभी परिस्थितियों का सामना किया और अपने ब्रांड की स्थापित किया. आज उनके प्रोडक्ट्स ऑफलाइन और ऑनलाइन बेचे जा रहे हैं.
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