इंटरनेट डेस्क। देश के कई राज्योें में छठ पर्व मनाया जा रहा है। आज इस त्योहार का तीसरा दिन है। नहाए-खाए और खरना के बाद इस महापर्व में आज संध्याकाल में डूबते सूरज को अर्घ्य दिया जाएगा। इस दिन पहले भगवान सूर्य और छठी मैय्या की विधिवत पूजा की जाती है, फिर शाम के समय अस्त होते सूर्य को अर्घ्य देने की परंपरा है।
छठ में तीसरे दिन कैसे होती है पूजा?
छठ पर्व के तीसरे दिन की पूजा को संध्या अर्घ्य भी कहा जाता है। यह पूजा चैत्र या कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को की जाती है, इस दिन सुबह से अर्घ्य की तैयारियां शुरू हो जाती हैं। सूर्यास्त से थोड़ी देर पहले लोग अपने पूरे परिवार के साथ नदी के किनारे छठ घाट जाते हैं, इसके बाद व्रती महिलाएं सूर्य देव की ओर मुख करके डूबते हुए सूर्य को अर्घ्य देकर पांच बार परिक्रमा करती हैं।
सूर्य अर्घ्य देने का समय
छठ पूजा के तीसरे दिन यानी आज शाम को डूबते हुए सूर्य को अर्घ्य दिया जाएगा। हिंदू पंचांग के अनुसार, 7 नवंबर को सूर्यास्त शाम 05.48 बजे होगा। इस दिन नदी या तालाब में खड़े होकर सूर्य को अर्घ्य दिया जाएगा।
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