वैसे तो पहाड़ों के सभी गांव टूरिस्टों को अपनी ओर अट्रैक्ट करते हैं और उनके दिल में उतर जाते हैं. लेकिन कुछ गांव ऐसे होते हैं जिनको देखने और वहां घूमने के बाद फिर बार-बार सैर का मन करता है. ऐसा ही एक गांव हिमाचल प्रदेश में भी है, जिसे भारत का पहला गांव कहा जाता है और यह गांव प्रकृति की गोद में बसा हुआ है, टूरिस्टों को अपनी ओर खिंचता है. इस गांव का नाम है चितकुल.
चितकुल गांव किन्नौर घाटी में बसा है. किन्नौर घाटी वैसे ही बेहद सुंदर है और देवताओं की भूमि कही जाती है. यहां से टूरिस्ट कैलाश पर्वत को देख सकते हैं और इस घाटी की सुंदरता को अपने जेहन में बसा सकते हैं. यही चितकुल है जहां की खूबसूरती आपको अपने तनाव से रिफ्रेश कर देगी. अगर आप जॉब करते-करते इतना थक गये हैं कि आपको लगने लगा है ‘अपने लिये टाइम निकालना चाहिए’ तो चितकुल जाइये और आपको लगेगा कि आप कहीं स्वर्ग में आ गये हैं. इस गांव में आपको शांत वातावरण और चारों तरफ हरियाली मिलेगी.
यह गांव अपनी प्राकृतिक खूबसूरती, शांत वातावरण, विशाल घाटियां, दूर तक फैले पहाड़ एवं जंगल, झरनों और खूबसूरत नजारों के लिए प्रसिद्ध है.
चितकुल गांव की सीमा उत्तराखंड से महज 20 किमी की दूरी परहै. यह गांव सांगला घाटी से 28 किमी की दूरी पर है. चितकुल और सांगला घाटी के बीच का रास्ता रकछम गांव है. आप रकचम गांव से चितकुल तक ड्राइव कर जा सकते हैं. इस गांव से भारत और तिब्बत बॉर्डर महज 90 किमी की दूरी पर है. टूरिस्ट इस गांव से आगे नहीं जा सकते. इस गांव में आप कैंपिंग और ट्रैकिंग कर सकते हैं और नेचर वॉक का आनंद ले सकते हैं. चितकुल ही सुंदरता सैलानियों के दिलों में बस जाती है.