खबर के मुताबिक, ग्रुप ने प्रारम्भ में 125 अरब रुपये की बोली लगाई थी और बाद में प्रस्तावित राशि को बढ़ाकर 130 अरब रुपये कर दिया. अल नाहंग नाम के इस ग्रुप ने कथित तौर पर निजीकरण, विमानन और रक्षा मंत्रियों को ईमेल के जरिये एक औपचारिक प्रस्ताव भेजा है, जिसमें पीआईए को दोबारा खड़ा करने के अपने दृष्टिकोण को रेखांकित किया गया है. ग्रुप ने पीआईए कर्मचारियों को जॉब से नहीं निकालने का वादा किया गया है. साथ ही 30 वेतन अवधि में वेतन को दोगुना करने की चरणबद्ध योजना पेश की गई है.
विदेशी पाकिस्तानी ग्रुप ने अपने प्रस्ताव में पीआईए के बेड़े में आधुनिक विमान जोड़ना और एयरलाइन को दूसरे एयरलाइंस के लिए रखरखाव केंद्र के रूप में विकसित करने की भी बात कही है. यह घटनाक्रम तब सामने आया है जब एक क्षेत्रीय पाकिस्तानी समूह ने एयरलाइन को खरीदने के लिए मात्र 10 अरब रुपये की पेशकश की, जो पीआईए को बेचने के लिए गवर्नमेंट द्वारा निर्धारित न्यूनतम 85 अरब रुपये की मूल्य से काफी कम थी. इसको देख प्रक्रिया रोक दी गई. विमानन मंत्री अलीम खान ने बोला कि राष्ट्रीय संपत्ति को औने-पौने मूल्य पर नहीं बेचा जाएगा.
खबर है कि पाक के नागरिक विमानन ऑफिसरों ने यूरोपीय राष्ट्रों में पाकिस्तानी एयरलाइनों के संचालन को बहाल करने की योजना को आखिरी रूप दे दिया है. इस प्रस्ताव का मकसद उन चिंताओं को दूर करना है, जिनके चलते शुरुआती प्रतिबंध लगे थे, इसे यूरोपीय ऑफिसरों के समक्ष प्रस्तुत किया जाएगा. जुलाई 2020 में, संदिग्ध पायलट लाइसेंस से जुड़े एक घोटाले के कारण यूरोप और यूके में पीआईए सहित सभी पाकिस्तानी एयरलाइनों पर प्रतिबंध लगा दिया गया था. यूरोपीय विमानन सुरक्षा समिति की एक बैठक 19 नवंबर, 2024 को ब्रुसेल्स में प्रारम्भ होने वाली है, जिसमें यूरोपीय हवाई क्षेत्र में राष्ट्रीय वाहक पाक इंटरनेशनल एयरलाइंस सहित पाकिस्तानी एयरलाइनों की संभावित बहाली पर चर्चा होने की आशा है.