पूर्णिया : खेती करने में अब श्रमिकों की आवश्यकता कम होने लगी है। नयी आधुनिक तकनीक मशीन के सहारे किसान समय मेहनत और खर्चे सरलता से बचा लेते हैं। वही मशीन के सहारे अब किसान बुआई से लेकर कटाई तक का काम आसान हो जाता हैं। वही इस खास मशीन से किसानों को खेती मे लाखों रुपये की बचत होती हैं।
वही जानकारी देते हुए पूर्णिया जिला के ठाड ग्राम के किसान सतेंद्र कुमार मेहता ने लोकल 18 से बात करते हुए बोला की पिछले कई सालों से खेती कर रहे हैं। उन्होंने बोला पहले जमाने में खेती के लिए श्रमिकों की कमी होती थी जिस कारण समय पर खेती का नही हो पाती थी और उन्हें हानि सहने पड़ते थे। लेकिन अब उस हानि की भरपाई सरलता से होती और कम समय कम मेहनत और बिना मजदूर के अब सरलता से फसल की बुआई और कटाई हो जाती है।
किसान सतेंद्र कुमार मेहता कहते है कि वह अब इस मशीन के सहारे अपने आलू की बुआई करते हैं, जिससे उन्हें अधिक फायदा होता हैं और लाखों रुपये बचते भी है। हालांकि उन्होंने बोला कि 2 एकड़ खेत में आलू की खेती कर रहे हैं। 2 एकड़ खेत मे आलू की बुआई करने में लगभग 25 श्रमिकों की मजदूरी लगती और ये सभी मजदूर दो दिनों तक लगातार इस काम को करते और लगभग 7500 तक मजदूरी खर्च होता तब जाकर आलू की बुआई होती। लेकिन इस मशीन के सहारे अब वो सरलता से अपने खेत में आलू लगा रहे हैं।
साढ़े सात हजार नही केवल 2500 में होगी घंटो में आलू बुआई
उन्होंने बोला आलू लगाने वाली इस मशीन के सहारे अब वो अपने 2 एकड़ खेत मे आलू लगा रहे हैं। वही यह मशीन महज 2500 रुपये के खर्च पर केवल दो घंटे में लगभग 2 एकड़ खेत मे आलू की बुआई करेगा। वही इस मशीन से किसान कम समय कम लागत और कम मेहनत के साथ फायदा कमाते हैं। उन्होंने बोला इस मशीन से आलू की अच्छे से बुआई होती है और बीज भी सीमित डाला जाता हैं। हालांकि किसान कहते हैं इस मशीन से हर वर्ष सीजनली आलू बुआई में लाखों रुपये की बचत करते हैं। साथ ही साथ उन्होंने गवर्नमेंट से भी इस मशीन का फायदा हर किसानों को मिले इसकी मांग की है।