बांसवाड़ा न्यूज़ डेस्क, गढ़ी डाइट के कार्य अनुभव प्रभाग द्वारा आयोजित चार दिवसीय फंक्शनल लाइब्रेरियन एवं डिजिटल लाइब्रेरी प्रशिक्षण शिविर का गुरुवार को समापन हुआ। उप प्राचार्य जे.पी. नागर ने कहा कि लाइब्रेरी को जीवंत एवं सक्रिय बनाने में इससे जुड़े लोग, स्थान, पुस्तकों का संग्रह एवं लाइब्रेरी में होने वाली विभिन्न गतिविधियां एवं संवाद महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। उन्होंने कहा कि भयमुक्त वातावरण में बच्चों तक पुस्तकों की पहुंच बहुत जरूरी है।
बच्चों को लाइब्रेरी आने के लिए प्रेरित किया जाना चाहिए। अजीम प्रेमजी फाउंडेशन के मीटिंग हॉल में स्कूल लाइब्रेरियन के लिए पहली बार आयोजित इस प्रशिक्षण में सेंटर फॉर माइक्रो फाइनेंस टाटा ट्रस्ट के संभागीय समन्वयक उत्कर्ष सुथार ने कहा कि बच्चे लाइब्रेरी में आना चाहते हैं, अपनी पसंदीदा पुस्तकों के साथ बैठना चाहते हैं, पुस्तक के मुख्य पृष्ठ एवं उसके अंदर मौजूद चित्रों से संवाद करना चाहते हैं तथा उनके बारे में अपनी स्वतंत्र राय बनाने की दिशा में आगे बढ़ना चाहते हैं।
यह बात प्रथम-द्वितीय से लेकर उच्च प्राथमिक स्तर तक के बच्चों पर समान रूप से लागू होती है। राज्य संदर्भ व्यक्ति देवेंग पाटीदार, योगेश गेहलोत एवं उत्कर्ष सुथार ने लाइब्रेरी गतिविधियों से संबंधित प्रशिक्षण दिया। कल्पेश जोशी एवं कमलेश पाटीदार ने शिविर की उपयोगिता बताई। जलज जानी एवं कुणाल गांधी ने कविता पाठ किया। प्रशिक्षण के दौरान प्रतिभागियों ने नूतन स्कूल की मॉडल लाइब्रेरी का अवलोकन किया।