Tulsi Vidai Geet: मेरी तुलसी रानी का ब्याह, के मंगल गावो रे...यहां देखें तुलसी विदाई गीत
Tulsi Vidai Geet: जो लोग कार्तिक महीने की एकादशी या फिर द्वादशी के दिन तुलसी विवाह नहीं कर पाएं हैं वो इसका आयोजन कार्तिक पूर्णिमा के दिन करते हैं। इसके अलावा इस दिन तुलसी माता की विदाई भी की जाती है। तुलसी माता को विदा करते समय कई गीत भी गाए जाते हैं। चलिए आपको बताते हैं तुलसी विदाई के गीत क्या हैं।
Tulsi Vidai Geet (तुलसी विदाई गीत)
मेरी तुलसी रानी का ब्याह, के मंगल गावो रे,
तुलसी राणी को नथ पहनावों,
तुलसी राणी को नथ पहनावों,
सोहणी चुनरी है लाल,
के मंगल गावो रे,
मेरी तुलसी रानी का ब्याह, के मंगल गावो रे,
तुलसी राणी को चूड़ियाँ पहनाओं,
कार्तिक का आया है मास,
के मंगल गावो रे,
मेरी तुलसी रानी का ब्याह, के मंगल गावो रे,
तुलसी रानी को सिन्दूर लगाओ,
एकादशी का दिन है आज,
के मंगल गावो रे,
मेरी तुलसी रानी का ब्याह, के मंगल गावो रे,
शालिग्राम बने हैं दूल्हा,
सोहणों मंडप सजा है ख़ूब,
के मंगल गावो रे,
मेरी तुलसी रानी का ब्याह, के मंगल गावो रे,
तुलसी रानी के फेरे काराओं,
करो पुरे विवाह संस्कार,
के मंगल गावो रे, मेरी तुलसी रानी का ब्याह
मेरी तुलसी रानी का ब्याह, के मंगल गावो रे।
तुलसी विदाई भजन
मेरी प्यारी तुलसा जी बनेंगी दुल्हनियां...
सजके आयेंगे दूल्हे राजा।
देखो देवता बजायेंगे बाजा...
सोलह सिंगार मेरी तुलसा करेंगी।
हल्दी चढ़ेगी मांग भरेगी...
देखो होठों पे झूलेगी नथनियां।
देखो देवता...
देवियां भी आई और देवता भी आए।
साधु भी आए और संत भी आए...
और आई है संग में बरातिया।
देखो देवता...
गोरे-गोरे हाथों में मेहंदी लगेगी...
चूड़ी खनकेगी ,वरमाला सजेगी।
प्रभु के गले में डालेंगी वरमाला।
देखो देवता...
लाल-लाल चुनरी में तुलसी सजेगी...
आगे-आगे प्रभु जी पीछे तुलसा चलेगी।
देखो पैरो में बजेगी पायलियां।
देखो देवता...
सज धज के मेरी तुलसा खड़ी है...
डोली मंगवा दो बड़ी शुभ घड़ी है।
देखो आंखों से बहेगी जलधारा।
देखो देवता...